/financial-express-hindi/media/post_banners/do3yA3swqTMvGk9r5M89.jpg)
पेगासस स्पाईवेयर के लीक डेटाबेस में तत्कालीन डिप्टी सीएम जी परमेश्वर और तत्कालीन सीएम एचडी कुमारस्वामी के निजी सचिव का फोन नंबर शामिल बताया जा रहा है. (File photo)
Pegasus Spyware Scandal: इजरायली स्पाईवेयर पेगासस से जासूसी कराने के मामले में नित नए खुलासे हो रहे हैं. अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट 'द वायर' की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीए (एस) सरकार गिराए जाने से पहले और पूरी सियासी उथल-पुथल के दौरान गठबंधन के कई प्रमुख नेताओं या उनके करीबी लोगों के फोन पेगासस की लिस्ट में शामिल थे. जिन प्रमुख नेताओं या उनके करीबी लोगों के नंबर पेगासस की लिस्ट में शामिल होने का दावा इस रिपोर्ट में किया गया है, उनमें राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और तत्कालीन उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर जैसे बड़े नेता शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक इस लिस्ट में शामिल फोन नंबर पेगासस के हैकिंग अटैक के निशाने पर होने की आशंका है. हालांकि ये नंबर जिन मोबाइल फोन या अन्य डिवाइसेज़ पर इस्तेमाल किए जा रहे थे, उनके फॉरेंसिक ऑडिट के बिना ये पक्के तौर नहीं कहा जा सकता कि उनकी हैकिंग का सफल या असफल प्रयास किया गया था या नहीं.
रिपोर्ट के मुताबिक नॉन प्रॉफिट फ्रेंच संगठन फॉरबिडेन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 16 मीडिया पार्टनरों के साथ जो लीक डेटाबेस साझा किया है, उनमें तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी परमेश्वर का फोन नंबर भी मौजूद है. उनके अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और पूर्व सीएम सिद्धरमैया के निजी सचिवों के नंबर भी इस संदिग्ध डेटाबेस में होने का दावा भी रिपोर्ट में किया गया है. 'द वायर' ने कहा है कि बगैर फोरेंसिक जांच के इस बात की पुष्टि तो नहीं की जा सकती इनके फोन से सूचनाएं लीक की गई थी या नहीं. लेकिन जिन दिनों कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार संकट में घिरी थी, ठीक उन्हीं दिनों इन नेताओं के फोन स्पाईवेयर अटैक के निशाने पर रहने की आशंका है.
कांग्रेस के निशाने पर अमित शाह
कांग्रेस ने इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार पर हमला किया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कर्नाटक की सरकार गिराने के लिए पेगासस स्पाईवेयर की मदद ली गई. ऐसे में क्या गृह मंत्री को पद पर रहने का अधिकार है. मोदी सरकार ने ऑपरेशन कमल के माध्यम से लोकतंत्र का अपहरण और प्रजातंत्र का चीरहरण किया है. उन्होंने कहा कि इसकी क्रोनोलॉजी यह है कि चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए खरीद-फरोख्त की गई और इसमें पेगासस का इस्तेमाल किया गया
14 महीने में गिर गई थी जेडी (एस)-कांग्रेस की सरकार
2019 में कर्नाटक में एचडी कुमार स्वामी की जनता दल सेक्यूलर ( JD-S) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार महज 14 महीने में गिरा दी गई थी. कांग्रेस, जेडीएस ने आरोप लगाया था कि उनकी सरकार गिराने के लिए बीजेपी ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था. आखिरकार कुमारस्वामी सदन में छह वोटों से विश्वास मत साबित करने से चूक गए थे. बहुमत परीक्षण में गठबंधन के 20 विधायक गैर मौजूद रहे थे. कुमारस्वामी को 99 वोट मिले. जबकि उनके विरोध में 105 मत पड़े. कुमारस्वामी के इस्तीफे के बाद बीएस येदियुरप्पी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनाई गई और विश्वास मत के दौरान गठबंधन को गच्चा देने वाले विधायकों ने बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया.