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किसान नेताओं का आरोप है कि धरना स्थल पर बिजली, पानी रोका गया है. (Image: IP)
Farmers' Protest: कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम करने का फैसला किया है. किसान संगठनों ने धरना की जगहों पर इंटरनेट सेवाएं बंद करने, प्रशासन की तरफ से कथित प्रताड़ना के विरोध में यह कदम उठाने का निर्णय किया है. किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर सोमवार को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि वे शनिवार को दोपहर 12 बजे से शाम 3 बजे तक सड़कें बंद करेंगे.
बता दें, किसान संगठनों का प्रदर्शन दिल्ली से लगी सीमाओं पर करीब दो महीने से चल रहा है. किसान नेता केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. बीते 26 जनवरी को किसान संगठनों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा, उपद्रव और लाल किले पर तिरंगे के अपमान की घटना के बाद सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है. इस उपद्रव में 350 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए थे. जबकि, ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हुई थी.
बजट में भी अनदेखी
किसान नेताओं का अरोप है कि बजट 2021-22 में किसानों की अनदेखी की गई. स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि सरकार ने इस बजट में कृषि सेक्टर का आवंटन घटाया है. यादव का कहना है कि सरकार ने कृषि सेक्टर का आवंटन इस साल घटाया है. इसे बीते वित्त वर्ष के 5.1 फीसदी से घटाकर 4.3 फीसदी किया गया है.
धरना स्थल पर बिजली, पानी रोका
किसान नेताओं का आरोप है कि धरना स्थल पर बिजली, पानी रोका गया है. मोबाइल टॉयलेट भी हटा लिया गया है. धरनारत किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का यह भी आरोप है कि किसान एकता मोर्चा का ट्वीटर अकाउंट और एक यूजर ने ट्रैक्टर2ट्वीटर पर ठप कर दिया गया है. स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव का कहना है कि सरकार के निर्देश पर ट्वीटर अकाउंट पर कार्रवाई हुई है. कुछ व्यक्तिगत अकाउंट भी बाधित किया गया है.
SKM के हिस्सा व पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि सभी संगठनों से परामर्श के बाद एकमत से 6 फरवरी को चक्का जाम करने का निर्णय किया गया है. राजेवाल ने दावा किया कि पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है, उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई.
कृषि लोन टारगेट 10% बढ़ा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट भाषण में किसान वेलफेयर के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए कृषि लोन आवंटन का लक्ष्य 10 फीसदी बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इसके साथ ही एग्री इंफ्रा सेस का भी एलान किया है जिससे किसानों की आय बढ़ाने के लिए फसल कटाई के बाद का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर किया जा सके.