/financial-express-hindi/media/post_banners/R1Y2AL8bGweo6V6WLNiN.jpg)
विरोध प्रदर्शनों के कारण जरूरी सामानों की उपलब्धता पर प्रभाव पड़ रहा.
पंजाब में कृषि कानूनों के खिलाफ 32 जगहों पर रेल पटरियों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते रेलवे को लगभग 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. रेलवे के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. विरोध प्रदर्शनों के कारण जारी नाकेबंदी की वजह से जरूरी सामान लाने वाली 2,225 से अधिक मालगाड़ियों का संचालन नहीं हो सका है. इसके अलावा करीब 1,350 यात्रीगाड़ियों का भी संचालन रद्द करना पड़ा है या उनका मार्ग बदल दिया गया है.
Agitation continues at 32 places on Railway premises & tracks in Punjab. Railways continues to lose revenue as freight ops are forcibly suspended due to this.Over 2225 freight rakes couldn't be operated & over 1350 passenger trains cancelled,diverted or short terminated: Railways pic.twitter.com/ogHpzZO3Iw
— ANI (@ANI) November 4, 2020
सुरक्षा को लेकर बंद है ट्रेनों का संचालन
एक अधिकारी ने बताया कि प्लेटफॉर्मों या रेल की पटरियों के पास प्रदर्शनकारियों का धरना जारी है, जिसके चलते लगभग 1,200 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. विरोध प्रदर्शन के कारण ट्रेनों के संचालन में आने वाली समस्या और सुरक्षा चिंताओं के चलते ट्रेनों की आवाजाही बंद है. प्रदर्शनकारी कुछ ट्रेनों को अचानक ही रोक चुके हैं और कई स्थानों पर जैसे कि जंडियाला, नाभा, तलवंडी साबो और बठिंडा के आसपास नाकेबंदी जारी है.
जरूरी सामानों की उपलब्धता पर पड़ रहा प्रभाव
अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पंजाब में रेल पटरियों के कुछ हिस्सों में जारी नाकेबंदी के चलते मालगाड़ियों की आवाजाही और कृषि, उद्योग व बुनियादी ढांचे से संबंधित क्षेत्र के लिये जरूरी सामानों की उपलब्धता पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
केंद्रीय मंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री से मांगा था आश्वासन
इससे पहले, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पंजाब के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर रेलगाड़ियों का संचालन फिर से शुरू करने से पहले रेल की पटरियों और रेल कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन मांगा था. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह हालिया केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलना चाहते थे. हालांकि उन्हें इसकी अनुमति नहीं मिली.