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Q2FY21 GDP: जुलाई-सितंबर में जीडीपी 7.5% गिरी, देश टेक्निकल रिसेशन के दौर में

जून तिमाही में जीडीपी में 23.9% की गिरावट आई थी. GDP में इस गिरावट की प्रमुख वजह कोरोना महामारी के कारण देश भर में लगाया गया लॉकडाउन रहा.

जून तिमाही में जीडीपी में 23.9% की गिरावट आई थी. GDP में इस गिरावट की प्रमुख वजह कोरोना महामारी के कारण देश भर में लगाया गया लॉकडाउन रहा.

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Q2FY21: दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े से जुड़ा अपडेट

वित्त वर्ष 2020-21 की जुलाई-सितंबर ​तिमाही में देश की GDP (Gross Domestic Product) में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी आंकड़ों से सामने आई है. अप्रैल-जून तिमाही में यह गिरावट 23.9 फीसदी की थी जो पिछले 40 सालों में सर्वाधिक थी. भले ही जीडीपी में गिरावट पिछली तिमाही से कम हो लेकिन लगातार दो तिमाही जीडीपी में कमी आने से देश मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में टेक्निकल रिसेशन के दौर में चला गया है. देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने जीडीपी आंकड़ों को लेकर कहा है कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति कोविड19 के प्रभाव को दर्शाती है.

जीडीपी में Q1 में आई रिकॉर्ड गिरावट की प्रमुख वजह कोरोना महामारी के कारण देश भर में लगाया गया सख्त लॉकडाउन रहा. लॉकडाउन खुलने के बाद इकोनॉमिक गतिविधियों ने रफ्तार पकड़ी. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का अनुमान था कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 8.6 फीसदी की दर से गिरावट आएगी. RBI अपनी रिपोर्ट में कह चुका है कि पहली बार इकोनॉमी में लगातार दो तिमाही में जीडीपी में गिरावट के कारण टेक्निकल रिसेशन आया है.

GVA में 7 फीसदी की गिरावट

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सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के मुताबिक, कॉन्स्टैन्ट (2011-12) प्राइसेस पर वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में जीडीपी 33.14 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 35.84 लाख करोड़ रुपये रही थी. यह जीडीपी में दूसरी तिमाही के दौरान 7.5 फीसदी की गिरावट दर्शाता है, जबकि पिछले साल जुलाई-सितंबर में जीडीपी ने 4.4 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की थी. मंत्रालय ने कहा कि GVA (ग्रॉस वैल्यू एडेड) सितंबर तिमाही में 30.49 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की समान तिमाही के GVA के मुकाबले 7 फीसदी कम है. 2019-20 की सितंबर तिमाही में GVA 32.78 लाख करोड़ रुपये रहा था.

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने दर्ज की ग्रोथ

जुलाई-सितंबर के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 0.6 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की. अपने अच्छा प्रदर्शन जारी रखते हुए कृषि क्षेत्र सितंबर तिमाही में 3.4 फीसदी की दर से आगे बढ़ा, वहीं ट्रेड व सर्विसेज सेक्टर में 15.6 फीसदी की गिरावट रही. पब्लिक स्पेंडिंग 12 फीसदी कम रही. इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था 4.9 फीसदी की दर से आगे बढ़ी है. अप्रैल-जून में चीन की विकास दर 3.2 फीसदी रही थी.

पिछली तिमाहियों में GDP ग्रोथ

Q1FY21: (-)23-9%

Q4FY20: 3.1%

Q2FY20: 4.5%

Q3FY20: 4.7%

Q1FY20: 5%

(Source: CSO)

लॉकडाउन में कृषि सेक्टर में ही रही ग्रोथ

लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से जून की तिमाही की बात करें तो एग्रीकल्चर सेक्टर को छोड़कर अन्य सेक्टर में गिरावट रही. एग्रीकल्चर सेक्टर में 3.4 फीसदी की बढ़ोतरी दिखी. अन्य सेक्टर की बात करें तो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 39.3 फीसदी, माइनिंग सेक्टर में 23.3 फीसदी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में 50.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और अन्य संबंधित सेवाओं में 47 फीसदी की गिरावट देखी गई.

अनलॉक के दौरान इकोनॉमी में रिकवरी

लॉकडाउन के बाद इकोनॉमी ने रफ्तार पकड़ी. सितंबर में वाहनों की बिक्री, रीयल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग PMI और रेल भाड़ा कमाई पिछले सितंबर के मुकाबले अधिक रहे. इसके अलावा सितंबर में इस साल पहली बार इनकम टैक्स कलेक्शन में पिछले साल के समान महीने के मुकाबले बढ़ोतरी रही. अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन भी 1.05 लाख करोड़ से अधिक रहा. सेल्स में बढ़ोतरी से आईएचएस मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई भी अक्टूबर में सितंबर के 56.8 के मुकाबले बढ़कर 58.9 हो गया जोकि पिछले दस साल में सबसे अधिक है.

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