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Q3FY21: भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार दो तिमाहियों की गिरावट से उबर गई है
India's Q3FY21 GDP in hindi: भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार दो तिमाहियों की गिरावट से उबर गई है. चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में (अक्टूबर-दिसंबर 2020) में देश की GDP ग्रोथ रेट 0.4 फीसदी दर्ज की गई. ऐसे में अब लग रहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड महामारी के चलते आई टेक्निकल मंदी से रिकवर हो रही है. दिसंबर तिमाही में कृषि सेक्टर की ग्रोथ बरकरार रही और 3.9 फीसदी की दर से बढ़ी. वहीं, मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर गिरावट से बाहर निकलकर ग्रोथ में लौटा. हालांकि, अभी भी माइनिंग और ट्रेड, होटल्स, ट्रांसपोर्ट एवं कम्युनिकेशन सर्विसेज की विकास दर नकारात्मक है. माना जा रहा है कि हाल में हुए आर्थिक सुधारों और बजट एलानों का अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर होगा और भारतीय अर्थव्यवस्था डबल डिजिट ग्रोथ के रास्ते पर लौट आएगी.
सरकार ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट रह सकती है. जीडीपी के तीसरी तिमाही के आंकड़ों से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था रिकवरी के रास्ते पर है.
भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार दो तिमाही में विकास दर में गिरावट के बाद टेक्निकल मंदी में चली गई थी. तीसरी तिमाही में यह पॉजिटिव जोन में आई है. कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के चलते पिछली दो तिमाहियों में जीडीपी ग्रोथ में भारी गिरावट आई थी. पहली तिमाही में यह गिरावट 24.4 फीसदी और दूसरी तिमाही में 8 फीसदी रही थी.
नेशनल स्टैटिस्टिकल आफिस (NSO) के अनुसार, कोरोना महामारी के बीच चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 0.4 फीसदी दर्ज की गई. 2019-20 की समान तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 3.3 फीसदी दर्ज की गई थी.
NSO ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8 फीसदी की गिरावट रहने का अनुमान जताया है. इससे पहले जनवरी में जारी पहले अनुमान में चालू वित्त वर्ष के लिए 7.7 फीसदी गिरावट का आकलन था. वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 4 फीसदी रही थी. बता दें, अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में चीन की जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी रही है, जोकि जुलाई-सितंबर 2020 की अवधि में 4.9 फीसदी थी.
मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन में लौटी ग्रोथ
एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में कांस्टेंट (2011-12) प्राइस पर जीडीपी 36.22 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. जोकि 2019-20 की तीसरी तिमाही में 36.08 लाख करोड़ रुपये थी. इस तरह इसमें 0.4 फीसदी की ग्रोथ है. तीसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 1.6 फीसदी और कंस्ट्रक्शन सेक्टर 6.2 फीसदी की दर से बढ़ा. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पिछली लगातार चार तिमाही से नकारात्मक ग्रोथ थी. वहीं, कंस्ट्रक्शन सेक्टर पिछली लगातार तीन तिमाही से निगेविट जोन में था.
कृषि सेक्टर की ग्रोथ और बढ़ी
आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2020 तिमाही में ट्रेड, होटल्स, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशंस सर्विसेस में 7.7 फीसदी और माइनिंग सेक्टर में 5.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. दूसरी ओर, कोरोना महामारी के बावजूद कृषि सेक्टर पहली तिमाही से ही ग्रोथ में है. जबकि, पहली यानी जून तिमाही में कृषि सेक्टर को छोड़कर सभी सेक्टर में गिरावट थी. 2020-21 की तीसरी तिमाही में कृषि सेक्टर की ग्रोथ रेट 3.9 फीसदी रही. दूसरी तिमाही में यह 3.0 फीसदी और पहली तिमाही में 3.3 फीसदी रही थी.
GDP ग्रोथ अनुमानों के अनुरूप: एक्सपर्ट
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों पर एक्सपर्ट का कहना है कि ग्रोथ अनुमानों के अनुरूप ही रही है. बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सिद्धार्थ सान्याल का कहना है कि पिछली दो तिमाही के मुकाबले तीसरी तिमाही में जीडीपी में मजबूत रिकवरी आई है. मौजूदा आंकड़ों को देखते हुए वित्त वर्ष 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में 7-8% की गिरावट रह सकती है. इसके बाद वित्त वर्ष 2022 में इसमें और मजबूती आने की उम्मीद है.
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड के सीईओ (फिक्स्ड इनकम) कुमारेश रामकृष्णन का कहना है कि आखिरकार तीसरी तिमाही में जीडीपी पॉजिटिव जोन में लौट आई है. बीती दो तिमाही में इसमें 8 फीसदी और 24.4 फीसदी की गिरावट आई थी. कृषि सेक्टर लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी और कंस्ट्रक्शन भी पॉजिटिव जेान में रहे. हालांकि, सर्विसेज अभी भी निगेटिव जोन में हैं. मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, पूरे वित्त वर्ष 2020 में जीडीपी ग्रोथ (-)6 फीसदी से (-)7.5 फीसदी के बीच रह सकती है.
पिछली तिमाहियों में GDP ग्रोथ
Q2FY21: (-)7.5%
Q1FY21: (-)23-9%
Q4FY20: 3.1%
Q2FY20: 4.5%
Q3FY20: 4.7%
Q1FY20: 5%
(Source: CSO)
GDP के पॉजिटिव जोन में आने का था अनुमान
एजेंसियों और एक्सपर्ट ने तीसरी तिमाही में जीडीपी पॉजिटिव जोन में आने का अनुमान जताया था. डीबीएस बैंक का कहना था कि तीसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 1.3 फीसदी रह सकती है. डीबीएस ग्रुप की शोध अर्थशास्त्री राधिका राव का आकलन था कि देश में कोविड-19 की स्थिति में तेजी से सुधार आना और लोगों के खर्च में तेजी से बढ़ोतरी होना, दो ऐसे फैक्टर रहे हैं, जो दिसंबर 2020 तिमाही के लिए बेहतर साबित होंगे. दूसरी ओर ब्लूमबर्ग के सर्वे के मुताबिक इसके 0.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था