/financial-express-hindi/media/post_banners/bJWD5UIwTwgWeppJzEts.jpg)
कांग्रेस के मौजूदा केन्द्र सरकार पर लगाए गए आरोप खुद उन्हीं के खिलाफ (PTI)
/financial-express-hindi/media/post_attachments/6NneLfSHoJEgqAascksu.jpg)
राफेल डील पर कांग्रेस द्वारा पीएम मोदी पर लगाए गए आरोपों का रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया है. सीतारमण ने राफेल डील से हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बाहर होने के लिए UPA सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि UPA सरकार जवाब दे कि डस्सॉल्ट और HAL के बीच होने वाला करार आखिर क्यों नहीं हुआ था.
बता दें कि दिन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सीतारमण पर HAL की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया था. दरअसल सीतारमण ने कहा था कि HAL के पास भारत में जेट बनाने की आवश्यक क्षमता नहीं है.
UPA सरकार चाहती तो हो सकता था HAL-डस्सॉल्ट करार
एंटनी के आरोप के बदले सीतारमण ने कहा कि अगर UPA सरकार चाहती तो HAL और डस्सॉल्ट में करार होने की दिशा में बहुत कुछ कर सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया. HAL का राफेल डील के लिए नहीं चुना जाना यूपीए कार्यकाल में घटित हुआ, इसलिए UPA सरकार के मौजूदा केन्द्र सरकार पर लगाए गए आरोप खुद उन्हीं के खिलाफ हैं.
इसके अलावा उन्होंने एंटनी द्वारा पीएम मोदी पर देश की सुरक्षा के साथ समझौता करने के आरोप का भी जवाब दिया. सीतारमण ने कहा कि यह खरीद तुरंत नहीं हो सकती. पहले आॅर्डर देना होता है, फिर मैन्युफैक्चरिंग होती है. इसमें वक्त लगता है.
क्या कहा था एंटनी ने
दिन में एंटनी ने फ्रांस से खरीदे जाने वाले राफेल लड़ाकू विमानों की संख्या 126 से घटाकर 36 करने पर कहा था कि पीएम मोदी 'राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा तैयारियों के साथ गंभीर समझौता' कर रहे हैं. साल 2000 में, भारतीय वायुसेना (IAF) ने तत्कालीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को कहा था कि उन्हें कम से कम 126 लड़ाकू विमानों की जरूरत है. पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर खतरे के मद्देनजर, आधुनिक हवाई शक्ति बेहद महत्वपूर्ण है.
एंटनी ने यह भी कहा था कि वर्तमान संदर्भ में, खतरे की धारणा में काफी वृद्धि हुई है और IAF को पहले के मुकाबले 126 लड़ाकू विमानों से ज्यादा विमानों की जरूरत है. लेकिन जरूरतों को पूरा करने के स्थान पर, मोदी सरकार केवल 36 लड़ाकू विमानों का आॅर्डर देकर राष्ट्रीय सुरक्षा और हवाई युद्ध की तैयारियों को खतरे में डाल रही है.
केवल DAC कर सकती है विमानों व हथियारों की जरूरत पर फैसला
एंटनी का यह भी कहना था कि केवल रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ही विमानों व हथियारों की जरूरत पर फैसला कर सकती है. मोदी द्वारा 2015 में केवल 36 लड़ाकू विमानों को खरीदे जाने की घोषणा रक्षा खरीद प्रक्रिया (DPP) का 'गंभीर उल्लंघन' है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब मोदी ने 2015 में इस संबंध में घोषणा की थी, तब भी DAC का 126 राफेल विमान खरीदने का स्वीकृत प्रस्ताव अस्तित्व में था. हम यह जानना चाहते हैं कि DAC ने कब 126 विमानों की प्रक्रिया को समाप्त किया और मोदी को किसने विमानों की संख्या घटाकर 36 करने के लिए अधिकृत किया.
सरकार करे जेट विमानों की कीमतों का खुलासा
एंटनी ने कांग्रेस पार्टी की मांग को दोहराते हुए पूर्ववर्ती UPA सरकार में जेट विमानों की कीमत और मौजूदा राजग सरकार में तय की गई कीमतों का खुलासा करने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने मामले में एक संयुक्त संसदीय जांच (JPC) की भी मांग की.