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Rafale in India: आसमान में और बढ़ेगा भारत का दबदबा, बस पहुंचने वाला है राफेल

5 राफेल विमानों की पहली खेप फ्रांस से 27 जुलाई को भारत के लिए चली थी.

5 राफेल विमानों की पहली खेप फ्रांस से 27 जुलाई को भारत के लिए चली थी.

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Image: India in France Twitter

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Rafale Jets: अत्‍याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस राफेल जेट आज अंबाला एयरफोर्स बेस पर लैंड करने वाले हैं. इस मौके पर एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया उपस्थित रहेंगे. ये भारतीय वायुसेना के फ्लीट में शामिल सबसे घातक फाइटर जेट होंगे. 5 राफेल विमानों की पहली खेप फ्रांस से 27 जुलाई को भारत के लिए चली थी. फ्रांस से भारत की करीब 7000 किमी की दूरी तय करते हुए 10 घंटे की उड़ान के बीच में राफेल विमानों को एक बार 27 जुलाई शाम 7 बजे के आस-पास संयुक्त अरब अमीरात के अल दफ्रा एयरबेस पर उतारा गया. विमानों को फ्रांस से यूएई पहुंचने में सात घंटों का वक्त लगा.

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अल दफ्रा एयरबेस से राफेल विमानों के सुबह 11 बजे उड़ान भरने की उम्मीद है और ये दोपहर 2 बजे तक अंबाला एयरबेस पहुचेंगे. अगर अंबाला में या इसके आसपास मौसम संबंधी कोई दिक्कत होती है तो राफेल जोधपुर एयरबेस पर लैंड करेंगे. फ्रांस से भारत आने के दौरान राफेल विमानों को हवा में ही रिफ्यूल किया गया.

मोदी सरकार ने फ्रांस सरकार के साथ 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए 59,000 करोड़ रुपये में डील की है. दोनों सरकार के बीच इस बाबत समझौते पर हुए दस्तखत के करीब चार साल बाद राफेल विमान की पहली खेप भारत को मिल रही है. इसके शामिल होने से भारतीय वायुसेना के बेड़े की ताकत में काफी इजाफा होगा. अक्टूबर 2019 में डसॉल्ट एविएशन ने पहले राफेल जेट को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना को सौंपा था. 2021 अंत तक सभी 36 राफेल जेट की डिलिवरी कर दी जाएगी. डसॉल्ट की ओर से भारतीय वायुसेना पायलट और सभी सपोर्टिंग स्टॉफ को एयरक्रॉफ्ट और वैपन सिस्टम की पूरी ट्रेनिंग दी जा चुकी है.

लद्दाख सेक्टर में तैनाती संभव

कहा जा रहा है कि भारत में आने के एक सप्ताह के अंदर ही राफेल की तैनाती हो जाएगी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, राफेल जेट की तैनाती लद्दाख सेक्टर में की जा सकती है. एलएसी पर चीन के साथ सीमा विवाद के मद्देनजर भारतीय वायुसेना की आपरेशनल क्षमता बढ़ाने की कोशिश के तहत यह कदम उठाया जाएगा. 36 राफेल जेट्स में से 30 फाइटर जेट्स और 6 ट्रेनर जेट होंगे. ट्रेनर जेट ट्विन सीटर होंगे और उनमें फाइटर जेट्स वाले लगभग सभी फीचर्स होंगे. राफेल फाइटर जेट को उड़ाने के लिए कुल 12 पायलटों को ट्रेनिंग दी गई है, जो इसे फ्रांस से लेकर आ रहे हैं.

कितना घातक है राफेल

  • राफेल दो इंजन वाला फाइटर जेट है.
  • राफेल जेट कई हथियारों को कैरी करने में सक्षम हैं. यह परमाणु ​हथियारों को लेकर उड़ान भरने में भी सक्षम है.
  • यूरोप की मिसाइल निर्माता MBDA की 'मीटियोर बियोन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइल' और हवा से जमीन पर मार करने में सक्षम 'स्कैल्प क्रूज मिसाइल' राफेल के वैपन पैकेजेस में प्रमुख हैं. राफेल की स्कैल्प मिसाइल की रेंज करीब 300 किलोमीटर है.
  • मिसाइल सिस्टम्स के अलावा राफेल जेट्स कई इंडिया स्पेसिफिक मॉडिफिकेशंस से लैस होंगे. इनमें इजरायली हैलमेट माउंटेड डिस्प्ले, रडार वार्निंग रिसीवर्स, लो बैंड जैमर्स, 10 घंटे के फ्लाइट डेटा की रिकॉर्डिंग, इन्फ्रा रेड सर्च व ट्रैकिंग सिस्टम्स आदि शामिल हैं.
  • राफेल विमान की भार वहन क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलोग्राम तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है.
  • राफेल 15.27 मीटर लंबा और 5.3 मीटर ऊंचा है. इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है.
  • राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है. राफेल 2,223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है.
  • राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है. इससे दुश्मन के विमान को पता चले बिना भारतीय वायुसेना उन्हें देख पाएगी.
  • एक साथ 40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बना देता है.
Indian Air Force Iaf Rafale Deal