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सरकार का अर्थव्यवस्था के बजाय राजनीतिक, सामाजिक एजेंडे पर ध्यान: रघुराम राजन

उन्होंने कहा कि भारत प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देकर सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को पटरी पर ला सकता है.

उन्होंने कहा कि भारत प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देकर सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को पटरी पर ला सकता है.

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PTI
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सरकार का अर्थव्यवस्था के बजाय राजनीतिक, सामाजिक एजेंडे पर ध्यान: रघुराम राजन

Rajan who headed RBI for three years until September 2016, said nationalism that was already pretty strong before the virus is getting accentuated by the effects of COVID-19.

raghuram rajan said modi government focusing more on political and social agenda instead of economy उन्होंने कहा कि भारत प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देकर सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को पटरी पर ला सकता है. (File Photo)

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में नरमी का कारण मौजूदा सरकार का अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने के बजाए अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे को पूरा करने पर ज्यादा जोर देना है. उन्होंने कहा कि भारत प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान देकर सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि को पटरी पर ला सकता है. यह पूछे जाने पर कि भारत की आर्थिक वृद्धि को कौन सी चीज रोक रही है, उन्होंने कहा कि यह दु:खद कहानी है. उन्हें लगता है कि यह राजनीति है.

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ब्लूमबर्ग टीवी को दिये साक्षात्कार में राजन ने कहा कि दुर्भाग्य से मौजूदा सरकार ने पिछले साल आम चुनाव में भारी जीत के बाद आर्थिक वृद्धि पर ध्यान देने के बजाए अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे को पूरा करने पर अधिक जोर दिया है. राजन ने कहा कि दुर्भाग्य से इस प्रवृत्ति के कारण वृद्धि की गति धीमी हुई है. इसकी वजह सरकार द्वारा शुरू में उठाये गये कुछ कदम भी है जिसमें नोटबंदी और खराब तरीके से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का सुधार शामिल है.

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दिसंबर तिमाही में 4.7 फीसदी रही विकास दर

आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.7 फीसदी रही जो करीब सात साल का न्यूनतम स्तर है. वृद्धि दर का यह आंकड़ा 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद सबसे कम है.

बातचीत में राजन ने कहा कि भारत ने वित्तीय क्षेत्र की समस्या को दूर करने के लिये पर्याप्त कदम नहीं उठाये और दुर्भाग्य से इसके कारण वृद्धि में नरमी आ रही है. उनके इस साक्षात्कार का प्रसारण जीडीपी आंकड़ा आने से पहले किया गया. शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस के वित्त के प्राफेसर राजन ने कहा अगर मामलों पर सही से ध्यान दिया और उपयुक्त कदम उठाये जाएं, चीजें बदल सकती हैं.

Raghuram Rajan