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India's main opposition Congress party’s leader Rahul Gandhi holds a news conference after he was disqualified as a lawmaker by India's parliament, at the party's headquarters in New Delhi, India, March 25, 2023. REUTERS/Anushree Fadnavis/
Supreme Court issues notices to Purnesh Modi, Gujarat govt on Rahul Gandhi's appeal against HC verdict: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात सरकार और बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया है. अदालत ने गुजरात सरकार और पूर्णेश मोदी से राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने की अर्जी पर अपना पक्ष रखने को कहा है. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पीके मिश्रा की बेंच ने यह भी कहा कि फिलहाल अदालत के सामने सीमित प्रश्न यही है कि क्या सजा पर रोक लगाई जानी चाहिए? राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि मानहानि के केस में अधिकतम दो साल की सजा देने वाले सूरत कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाए. इस सजा की वजह से राहुल गांधी की संसद सदस्यता छिन चुकी है. अगर सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी, तो उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट राहुल की अर्जी पर अगली सुनवाई 4 अगस्त को करेगा.
सिंघवी ने उठाया अभिव्यक्ति की आजादी का मसला
राहुल गांधी की पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि दो साल की सजा की वजह से कांग्रेस नेता की संसद सदस्यता खत्म हो गई, जिसके कारण वे संसद के पिछले सत्र में हिस्सा नहीं ले सके और अब दूसरे सत्र में भी ऐसा ही हो सकता है. राहुल गांधी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में कहा गया है कि अगर उनके खिलाफ सुनाए गए फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे अभिव्यक्ति और विचारों की आजादी का दम घुट जाएगा.
Supreme Court issues notice to Gujarat Government and others on the plea of Congress leader Rahul Gandhi challenging the Gujarat High Court order which declined to stay his conviction in the criminal defamation case in which he was sentenced to two years in jail by Surat court…
— ANI (@ANI) July 21, 2023
राहुल को 23 मार्च को मिली सजा, 24 मार्च को छिन गई सदस्यता
गुजरात के सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम और मोदी समुदाय की मानहानि करने के आरोप में इसी साल 23 मार्च को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. यह मानहानि के मामले में सुनाई जा सकने वाली अधिकतम सजा है. इसके अगले ही दिन यानी 24 मार्च 2023 को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई, क्योंकि जन प्रतिनिधित्व कानून में किसी भी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे ज्यादा सजा सुनाए जाने पर उसकी सदस्यता खत्म करने का प्रावधान है. यानी राहुल गांधी को अगर इस मामले में अधिकतम से थोड़ी भी कम सजा मिलती तो उनकी संसद सदस्यता खत्म नहीं की जा सकती थी.
सेशंस कोर्ट और हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
राहुल गांधी ने निचली अदालत में मिली सजा के खिलाफ सबसे पहले सेशंस कोर्ट पहुंचे. 20 अप्रैल 2023 को सुनाए अपने फैसले में सूरत की सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत तो दे दी, लेकिन सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करके सजा पर रोक लगाने की मांग की. लेकिन 7 जुलाई को हाईकोर्ट ने भी उनकी अर्जी खारिज कर दी. इसके बाद राहुल के वकीलों ने सजा पर रोक लगाने के लिए 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की.
13 मार्च को कर्नाटक में दिए चुनावी भाषण से जुड़ा मामला
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को दिए गए उस चुनावी भाषण के आधार पर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने ललित मोदी और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी नाम लेते हुए पूछा था कि आखिर सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? उनके इस भाषण के खिलाफ ही गुजरात के बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 15 अप्रैल 2019 को सूरत की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था.