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Gyanesh Kumar as the new CEC: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त होने वाले ज्ञानेश कुमार Photograph: (PTI)
Rahul Gandhi dissent ignored as PM-led panel picks Gyanesh Kumar as the new CEC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को हुई बैठक में नए मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम पर फैसला लिया गया. यह बैठक मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (CEC Rajeev Kumar) की जगह लेंगे. CEC राजीव कुमार मंगलवार 18 फरवरी को मुख्य चुनाव आयुक्त के पद से रिटायर होंगे. बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिस्सा लिया.
राहुल गांधी के विरोध को सरकार ने किया नजरअंदाज
देश के नए मुख्य चुनाव आयुक्त को लकेर सोमवार को हुई बैठक में हिस्सा लिये राहुल गांधी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जब तक देश की सबसे बड़ी अदालत से कोई फैसला नहीं निकाल आता, तब तक नियुक्ति में देरी की जाए. हालांकि, गांधी के डिसेंट नोट पर विचार नहीं किया गया. सुप्रीम कोर्ट बुधवार को याचिकाओं पर सुनवाई करेगा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पैनल ने पांच नामों को शॉर्टलिस्ट किया और उन्हें समिति के सदस्यों के सामने विचार के लिए प्रस्तुत किया. शॉर्टलिस्ट किए गए नामों में से एक ज्ञानेश कुमार थे , जो कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि गांधी के असहमति नोट को बैठक में शामिल किया गया था. लेकिन नए सीईसी और ईसी पदों पर अंतिम निर्णय वैसे भी लिया गया था.
प्रधानमंत्री की अगुआई वाली चयन समिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं. इस मामले में, यह गृह मंत्री अमित शाह हैं . नए सीईसी की नियुक्ति एक नए कानून के तहत की गई: मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023.
इन नियुक्तियों के लिए कोई संसदीय कानून बनने से पहले, राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह के आधार पर ये नियुक्तियाँ करते थे. और आमतौर पर, सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त ही आयोग में नियुक्त होने के तथ्य के आधार पर नया मुख्य चुनाव आयुक्त बन जाता था.
इस महीने की शुरुआत में गांधी ने संसद में कहा था कि उन्हें सीईसी चयन की नई प्रक्रिया पर भरोसा नहीं है. बैठक से पहले संदेह जताते हुए गांधी ने कहा था कि वे जाएंगे लेकिन बैठक में पीएम मोदी, अमित शाह और वे होंगे. इसलिए पैनल वैसे भी दो से एक के अनुपात में बंटा हुआ है. उन्होंने कहा था, "मैं क्यों जा रहा हूं? इसका उद्देश्य क्या है? मैं बैठक में सिर्फ यह प्रमाणित करने जा रहा हूं कि मोदीजी और अमित शाहजी क्या कहने जा रहे हैं."
गांधी ने कहा कि पहले इस समिति में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश होते थे, लेकिन बाद में मुख्य न्यायाधीश को हटा दिया गया. उन्होंने इसे एक “सोची-समझी रणनीति” बताया.
नया कानून तब बनाया गया जब सर्वोच्च न्यायालय को 2015 से 2022 के बीच कई याचिकाएं मिलीं, जिनमें नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए केंद्र के विशेष अधिकार पर सवाल उठाए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने तब कहा था कि किसी को विशेष अधिकार देने का कभी कोई इरादा नहीं था. इसके बाद कोर्ट ने नई प्रक्रिया स्थापित की.