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Apple Threat Alert : राहुल गांधी ने उठाया फोन हैकिंग का मुद्दा, अखिलेश, महुआ, राघव समेत कई नेताओं ने सरकार पर लगाया जासूसी का आरोप

Apple phone attack alert : अखिलेश यादव, महुआ मोइत्रा, शशि थरूर, राघव चड्ढा, प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई विपक्षी नेताओं का दावा, Apple से मिला फोन पर सरकार प्रायोजित अटैक का अलर्ट.

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FE Hindi Desk
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Apple iPhone Threat Alert : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्षी नेताओं के फोन हैक किए जाने का मसला उठाया. (PTI Photo)

Rahul Gandhi PC on Apple phone attack alert : देश के कई जाने-माने विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार उनके आईफोन हैक करवाने की कोशिश कर रही है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि उन्हें आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल (Apple) की तरफ से ऐसे अलर्ट मिले हैं, जिनमें कहा गया है कि स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स उनके फोन पर अटैक करने की कोशिश कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं ने ऐसे अलर्ट मैसेज के स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर शेयर भी किए हैं. सरकार पर यह आरोप लगाने वालों में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, आप नेता राघव चड्ढा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी शामिल हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कहा है कि केसी वेणुगोपाल, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत समेत कांग्रेस के कई नेताओं और उनके ऑफिस के लोगों को भी ऐसे ही अलर्ट मिले हैं.

अडाणी का मसला उठाने पर एजेंसियां जासूसी में लग जाती हैं : राहुल

राहुल गांधी ने मंगलवार को बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस मुद्दे को उठाया. राहुल ने कहा, “देश में विपक्ष के नेताओं को Apple का नोटिस आया है, जिसमें लिखा है कि सरकार द्वारा आपके फोन को हैक करने की कोशिश की जा रही है. ये मैसेज मेरे ऑफिस के लोगों के साथ ही विपक्ष के कई नेताओं को आया है. हमारे पास इसकी पूरी लिस्ट है.”

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राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब भी अडाणी से जुड़ा मामला उठाया जाता है, खुफिया एजेंसियां, जासूस तैनात हो जाते हैं. राहुल ने कहा कि “जितनी मर्जी हो, उतना फोन टैप करें, आप मेरा फोन ले जा सकते हैं. मैं डरता नहीं हूं.” उन्होंने कहा कि कि ऐसा लगता है कि देश में नंबर एक पर गौतम अडाणी हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दूसरे नंबर पर और गृह मंत्री अमित शाह तीसरे नंबर पर हैं. राहुल ने एक पुरानी कहानी का जिक्र करते हुए कहा, "नरेन्द्र मोदी जी की आत्मा अडाणी में है, तोता कहीं बैठा है, राजा कहीं और बैठा हुआ है. हकीकत यह है कि सत्ता अडाणी जी के हाथ में है."

जासूसी की जांच होनी चाहिए: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि उन्हें Apple की ओर से हैकिंग का नोटिफिकेशन आया है. अखिलेश ने कहा कि इस मैसेज में बताया गया है कि सरकार की तरफ से आपके फोन को हैक किया जा रहा है या जासूसी की जा रही है. अखिलेश ने कहा, "बड़े दुख की बात है कि आज लोकतंत्र में आजादी और प्राइवेसी को वे खत्म करना चाहते हैं. आखिर जासूसी किस वजह से, इसकी जांच होनी चाहिए. इसमें कई सीनियर नेता हैं. यह लोकतंत्र के खिलाफ है."

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ताक-झांक करने वाले देश चला रहे हैं : महुआ मोइत्रा

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी ऐपल से अलर्ट मिलने की जानकारी सोशल मीडिया पर दी है. उन्होंने लिखा है, “ऐपल से ऐसे टेक्स्ट मैसेज और ईमेल मिले हैं, जिनमें मुझे चेतावनी दी गई है कि सरकार मेरे फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है.” महुआ ने केंद्रीय गृह मंत्री को टैग करते हुए लिखा है, “कुछ और काम कीजिए. अडानी और पीएमओ के दबंगों का डर देखकर मुझे उन पर दया आती है.” एक और सोशल मीडिया पोस्ट में महुआ ने लिखा है, “यह तो इमरजेंसी से भी बुरी हालत है. कुछ ओछे किस्म के ताक-झांक करने वाले देश चला रहे हैं.”

महुआ समेत विपक्षी नेताओं ने ऐपल का जो अलर्ट मैसेज शेयर किया है, उसमें लिखा है, “ऐपल का मानना है कि आपको स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स निशाना बना रहे हैं और वे दूर बैठकर आपकी Apple ID से जुड़े आईफ़ोन को टारगेट करने की कोशिश कर रहे हैं. आशंका है कि ये अटैकर्स आपको आपकी हैसियत और काम की वजह से आपको निशाना बना रहे हैं. अगर आपकी डिवाइस हैक हो जाती है, तो वे लोग दूर बैठे-बैठे ही आपके संवेदनशील डेटा, आपकी बातचीत और यहां तक कि आपके कैमरे और माइक्रोफ़ोन तक भी अपनी पहुंच बना लेंगे. हालांकि ये एक फॉल्स-अलार्म भी हो सकता है, लेकिन आपको इस चेतावनी को गंभीरता से लेना चाहिए.”

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Apple ने क्या कहा?

इस विवाद के बारे में आईफोन (iPhone) बनाने वाली कंपनी ऐपल (Apple) ने भी बयान जारी किया है. कंपनी ने कहा है कि लोगों को जो अलर्ट मिले हैं, उनकी वजह क्या है इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे सरकार द्वारा प्रायोजित हमलावरों (state-sponsored attackers) को डिटेक्शन से बचने में मदद मिल सकती है. हालांकि कंपनी ने यह जरूर बताया है कि अटैकर्स के पास अच्छी खासी फंडिंग है और वे काफी आधुनिक (sophisticated) ढंग से काम करते हैं. कंपनी ने यह भी कहा है कि वो ऐसे नोटिफिकेशन के लिए किसी विशेष सरकार प्रायोजित हमलावर को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती. ऐपल के मुताबिक ऐसे हमलावरों की पहचान कई बार ऐसे इंटेलिजेंस सिग्नल के आधार पर की जाती है, जो आधे-अधूरे (imperfect and incomplete) होते हैं. यह भी संभव है कि ऐपल के कुछ नोटिफिकेशन फॉल्स अलार्म हों और कुछ हमलों का पता ही न चले.

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