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Rahul Gandhi's Press Conference: राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल को फौरन लागू करने और उसमें ओबीसी कोटा दिए जाने की मांग फिर से दोहराई है. (Photo : PTI)
Rahul Gandhi demands caste census, regrets UPA did not provid OBC quota in Women's Reservation Bill 2010: संसद के दोनों सदनों में लगभग आम सहमति से पारित महिला आरक्षण बिल ने जातीय जनगणना और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए रिजर्वेशन के मसले को एक बार फिर से देश की राजनीति के केंद्र में ला दिया है. लोकसभा और राज्यसभा में इस विधेयक को पारित कराने में पूरा सहयोग करने वाली कांग्रेस अब इन्हीं मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने में जुट गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ओबीसी अफसरों की सरकारी तंत्र में भागीदारी, जातीय जनगणना और महिला आरक्षण में ओबीसी कोटे का मुद्दा पूरे जोरशोर से उठाया. वैसे तो राहुल गांधी लोकसभा में दिए अपने भाषण में भी ये मुद्दे उठा चुके हैं, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक कदम और आगे बढ़ते हुए उन्होंने 2010 में यूपीए के कार्यकाल के दौरान पेश महिला आरक्षण बिल में ओबीसी कोटा शामिल न किए जाने पर अफसोस भी जाहिर कर दिया. राहुल के तेवर साफ बता रहे हैं कि कांग्रेस अब इन मुद्दों पर लगातार फोकस करने का मन बना चुकी है.
2010 के बिल में ओबीसी कोटा नहीं देने पर अफसोस : राहुल
राहुल से एक पत्रकार ने सवाल किया कि 2010 में यूपीए के दौर में पेश महिला आरक्षण बिल में ओबीसी कोटा शामिल नहीं था, जिसकी मांग अब कांग्रेस कर रही है. पत्रकार ने पूछा, “क्या आपको इस बात का अफसोस है कि उस बिल में ओबीसी कोटा नहीं दिया गया?” तो राहुल गांधी ने कहा, "सौ फीसदी अफसोस है. वो उस टाइम कर देना था और अब इसको हम करके ही छोड़ेंगे." इसके बाद यह पूछे जाने पर कि 2010 से अब तक ऐसा क्या हो गया कि ओबीसी कोटे पर कांग्रेस का रुख बदल गया तो राहुल ने कहा, "हमने अपना रुख बदला नहीं है. हमारी सरकार के कार्यकाल में ही जातीय जनगणना कराई गई थी. हमने पूरी जनगणना में जाति के आंकड़े जुटाए थे, हमने उस वक्त आंकड़े रिलीज नहीं किए थे. हमें तभी जारी कर देने चाहिए थे. और अब वो आंकड़े जरूर जारी कर देने चाहिए. इस मुद्दे पर हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है."
महिला आरक्षण का समर्थन, लेकिन दो बातों पर असहमति : राहुल
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस समेत पूरा इंडिया गठबंधन महिला आरक्षण बिल का पूरा समर्थन करता है और इसीलिए संसद के दोनों सदनों में उसे पारित भी कराया, लेकिन बिल में फुटनोट की तरह रखी गई दो बातों पर सहमति नहीं हैं. पहला ये कि इस विधेयक में महिला आरक्षण लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की शर्तें लगाई गई हैं, जिसके चलते महिला आरक्षण अभी लागू नहीं हो पाएगा. इसे लागू करने में दस साल लग सकते हैं. राहुल ने कहा कि बिल को लेकर दूसरी असहमति इसमें ओबीसी कोटा नहीं रखे जाने पर है. कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम चाहते हैं कि महिला आरक्षण को फौरन लागू किया जाए और ओबीसी कोटे के साथ लागू किया जाए.
जितनी आबादी, उतनी हिस्सेदारी - ये हमारे OBC भाई-बहनों का हक़ है!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 22, 2023
Caste Census के आंकड़े अभी जारी करो, नई जनगणना जाति के आधार पर करो।
महिला आरक्षण को 10 साल बाद नहीं, अभी से लागू करो।
ओबीसी अफसरों की हिस्सेदारी का सवाल
राहुल गांधी ने सरकार चलाने में ओबीसी अफसरों की हिस्सेदारी का मुद्दा उठाते हुए एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने कहा, "मैंने संसद में अपने भाषण के लिए रिसर्च करने के दौरान पाया कि देश को चलाने वाले 90 सेक्रेटरी में सिर्फ 3 ओबीसी हैं. मैंने जब ये आंकड़ा देखा तो हिल गया. मैं हैरान रह गया कि ये क्या हो रहा है." राहुल ने कहा, "इसके बाद मैंने यह समझने की कोशिश की कि ये अधिकारी देश के पूरे बजट का कितना हिस्सा कंट्रोल कर रहे हैं…तब मुझे पता चला कि ये ओबीसी अधिकारी देश के बजट का सिर्फ 5 फीसदी कंट्रोल करते हैं. क्या देश में ओबीसी की आबादी सिर्फ 5 परसेंट है?"
प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो OBC के लिए बहुत काम करते हैं।
— Congress (@INCIndia) September 22, 2023
अगर वे OBC के लिए काम करते हैं, तो 90 सचिवों में से सिर्फ 3 सचिव OBC से क्यों हैं?
ये OBC आफिसर्स देश के बजट का कितना और क्या कंट्रोल कर रहे हैं?
मुझे ये पता लगाना है कि हिन्दुस्तान में OBC कितने हैं और जितने हैं उतनी… pic.twitter.com/lwlfNyuDf9
ओबीसी को आबादी के हिसाब से मिले हिस्सेदारी : राहुल
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा, "प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो ओबीसी के लिए बहुत काम करते हैं. अगर वे ओबीसी के लिए काम करते हैं, तो उनकी सरकार के 90 सचिवों में से सिर्फ 3 सचिव ओबीसी से क्यों हैं? पीएम को अपने भाषण में देश को ये समझाना चाहिए कि देश के जो सबसे अहम 90 अधिकारी हैं, उनमें ओबीसी सिर्फ 3 क्यों हैं?" राहुल ने कहा, "मुझे ये पता लगाना है कि हिन्दुस्तान में ओबीसी कितने हैं? और जितने हैं उतनी भागीदारी उन्हें मिलनी चाहिए…मैं जब किसी बात को उठाता हूं, उसे छोड़ता नहीं हूं."
ओबीसी आबादी जानने के लिए जातीय जनगणना जरूरी : राहुल
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि क्या कांग्रेस अब ओबीसी कार्ड खेलना चाहती है, तो राहुल ने कहा, "हम कार्ड की बात नहीं करते… देश में ओबीसी आबादी कितनी है ये किसी को नहीं मालूम. लेकिन अनुमान है कि 50 फीसदी हो सकती है. तो अगर देश की 50 फीसदी आबादी को सही भागीदारी नहीं मिलती, तो मुझे बेचैनी होती है. हम उन्हें भागीदारी देना चाहते हैं - कानून बनाने में, बजट बनाने में उनकी सही भागीदारी होनी चाहिए….इस बारे में सही फैसला करने से पहले आंकड़े तो रखने होंगे. जब आंकड़े नहीं होंगे, तो फैसले किस आधार पर करेंगे? हमारी सरकार ने जातिगत जनगणना कराई थी, उसके आंकड़े मौजूद हैं, वो तो जारी करें. जातीय जनगणना के आंकड़े देश के लोगों तक सत्ता पहुंचाने का आधार बनेंगे..उसके बिना हम ये काम नहीं कर सकते."
महिला आरक्षण सरकार की ध्यान भटकाने की रणनीति : राहुल
राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल दरअसल मोदी सरकार के लिए सिर्फ ध्यान भटकाने की रणनीति है. उन्होंने कहा कि ऐसे दो महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, जिनसे बीजेपी ध्यान हटाना चाहती है. पहला अडाणी और दूसरा कास्ट सेंसस. राहुल ने कहा, मोदी सरकार इन मुद्दों से ध्यान इसलिए भटकाना चाहती है, क्योंकि वो ओबीसी को नहीं, अडाणी को मजबूत करना चाहती है.