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Train Fares For Senior Citizens: छूट हटने के बाद से वरिष्ठ नागरिकों को अन्य यात्रियों के समान ही किराया देना होता है. (PTI)
Indian Railways : ट्रेन किराए में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतें वापस लेने के बाद से भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने 5800 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त रेवेन्यू कमाया है. सूचना के अधिकार (RTI) कानून के तहत पूछे गए सवालों में यह खुलासा हुआ है. रेल मंत्रालय ने 20 मार्च, 2020 को कोविड-19 महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराये में दी जाने वाली छूट (Train Ticket Concession) वापस ले ली थी. उस समय तक रेलवे महिला यात्रियों को ट्रेन किराये में 50 फीसदी और पुरुष व ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों को 40 फीसदी की छूट देता था.
यह छूट हटने के बाद से वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizens) को अन्य यात्रियों के समान ही किराया देना होता है. रेलवे मानदंडों के अनुसार, 60 साल और उससे अधिक उम्र के पुरुष एवं ट्रांसजेंडर और 58 साल एवं उससे अधिक उम्र की महिलाएं वरिष्ठ नागरिक मानी जाती हैं. बुजुर्गों को यात्री किराये में दी जाने वाली छूट खत्म होने के बाद की स्थिति के बारे में तस्वीर कुछ आरटीआई आवेदनों पर आए जवाबों से स्पष्ट हुई है. मध्य प्रदेश निवासी चंद्र शेखर गौड़ ने अलग-अलग समय पर आरटीआई अधिनियम के तहत आवेदन दायर कर जानकारी निकाली है कि 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे ने इस मद में 5875 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त राजस्व कमाया है.
साल दर साल और जेंडर के आधार पर आंकड़े
गौड़ ने कहा कि मैंने आरटीआई अधिनियम के तहत 3 आवेदन दायर किए. पहले आवेदन में, रेलवे ने मुझे 20 मार्च, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक का अतिरिक्त रेवेन्यू आंकड़ा मुहैया कराया. दूसरे आवेदन में 1 अप्रैल, 2022 से 31 मार्च, 2023 तक का आंकड़ा सामने आया. वहीं फरवरी, 2024 में दाखिल तीसरे आवेदन से मुझे 1 अप्रैल, 2023 से 31 जनवरी, 2024 तक का ब्योरा मिला. उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा कि रेलवे ने साल दर साल और लिंग के आधार पर आंकड़े दिए हैं. इनके जरिए 20 मार्च, 2020 से 31 जनवरी, 2024 तक रेलवे द्वारा हासिलर किए गए अतिरिक्त रेवेन्यू का आसानी से पता लगा सकते हैं.
4 साल में कितने वरिष्ठ नागरिकों ने यात्रा की
इन प्रतियों से पता चलता है कि लगभग चार साल की अवधि में लगभग 13 करोड़ पुरुष, नौ करोड़ महिला और 33,700 ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिकों ने लगभग 13,287 करोड़ रुपये का कुल रेवेन्यू देकर ट्रेन यात्राएं कीं. महिलाओं के लिए 50 फीसदी और पुरुष व ट्रांसजेंडर वरिष्ठ नागरिक यात्रियों के लिए पहले लागू 40 फीसदी रियायत का कैलकुलेशन करने पर यह राशि 5875 करोड़ से अधिक बैठती है. वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किरायों में मिलने वाली रियायत महामारी खत्म होने के बाद बहाल किए जाने से जुड़े सवाल संसद के दोनों सदनों समेत विभिन्न प्लेटफॉर्म पर उठाए जा चुके हैं.
सरकार: 55 फीसदी रियायत पहले से ही
हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका कोई सीधा जवाब न देते हुए कहा था कि भारतीय रेलवे प्रत्येक रेल यात्री को ट्रेन किराये पर 55 फीसदी छूट देता है. वैष्णव ने कहा था कि अगर किसी गंतव्य के लिए ट्रेन टिकट की कीमत 100 रुपये है, तो रेलवे यात्री से केवल 45 रुपये ही वसूल रहा है. इस तरह यात्रा पर 55 रुपये की रियायत दे रहा है. इस संदर्भ में गौड़ ने कहा कि मौजूदा सरकार ने कोई नई पेशकश करने के बजाय केवल रियायतें वापस ली हैं, लिहाजा इससे पता चलता है कि कोविड-19 से पहले ट्रेन टिकट की खरीद पर 55 रुपये की तुलना में अधिक रियायत दी जा रही थीं.