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राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 15 विधायकों ने रविवार को मंत्री पद की शपथ ली. फोटो- इंडियन एक्सप्रेस
Rajasthan Cabinet Reshuffle: राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 15 विधायकों ने रविवार को मंत्री पद की शपथ ली. राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने इन विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इनमें से 11 विधायकों ने कैबिनेट व चार विधायकों ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली. कहा जा रहा है कि यह फेरबदल कांग्रेस की क्षेत्रीय व जातीय समीकरण के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे को साधने की कोशिश है. समारोह से पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने जयपुर में पार्टी कार्यालय में विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं को संबोधित किया. गहलोत ने ट्विटर पर आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर कहा कि कांग्रेस 2023 में फिर से सरकार बनाएगी.
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इन विधायकों ने ली शपथ
- राज्यपाल मिश्र ने विधायक हेमाराम चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, ममता भूपेश, भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल व शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई. वहीं, जाहिदा खान, बृजेंद्र ओला, राजेंद्र गुढ़ा व मुरारीलाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई.
- बता दें कि नये मंत्रियों में ममता भूपेश, भजनलाल जाटव व टीकाराम जूली को राज्यमंत्री से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है. इस लिस्ट में हेमाराम चौधरी, मुरारीलाल मीणा व बृजेंद्र ओला सहित पांच विधायकों को पायलट खेमे का माना जाता है.
- इसके अलावा पिछले साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती रुख अपनाए जाने के समय पायलट के साथ साथ पद से हटाए गए विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस में आए छह विधायकों में से राजेंद्र गुढ़ा को भी मंत्री बनाया गया है.
- इस फेरबदल में कैबिनेट मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को हटाया गया है. इन तीनों मंत्रियों ने संगठन में काम करने की मंशा से अपने इस्तीफे पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिए थे. डोटासरा इस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं तो डा शर्मा को पार्टी ने हाल ही में गुजरात मामलों का व हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है.
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2023 का विधानसभा चुनाव जीतना है लक्ष्य
पार्टी सूत्रों का कहना है कि राज्य में 2023 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस पुनर्गठन के जरिए क्षेत्रीय व जातीय संतुलन भी साधने की कोशिश की गई है. जिन तीन मंत्रियों को राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया गया है वे अनुसूचित जाति से हैं. नए कैबिनेट मंत्रियों में चार अनुसूचित जाति से, तीन अनुसूचित जनजाति से होंगे. अब गहलोत कैबिनेट में तीन महिलाएं मंत्री हो गई हैं. कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे किसी निर्दलीय विधायक को पुनर्गठन के तहत मंत्री पद नहीं दिया गया है. गहलोत मंत्रिमंडल में इन नए मंत्रियों के आने से अधिकतम 30 मंत्रियों का कोटा पूरा हो गया. सूत्रों ने कहा कि मंत्रिमंडल फेरबदल की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 15 विधायकों को संसदीय सचिव व सात को मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया जाएगा.