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Rajasthan Election 2023: ‘लाल डायरी’ में छुपे हैं अरबों-करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा, अमित शाह ने कहा- शर्म बची है, तो इस्तीफा देकर चुनाव मैदान में आएं गहलोत

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान मंत्रिमंडल से बर्खास्त राजेंद्र गुढ़ा ने इस साल 24 जुलाई को विधानसभा में कथित ‘लाल डायरी’ का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी.

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान मंत्रिमंडल से बर्खास्त राजेंद्र गुढ़ा ने इस साल 24 जुलाई को विधानसभा में कथित ‘लाल डायरी’ का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी.

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FE Hindi Desk
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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023: राजस्थान के गंगापुर सिटी मेंआयोजित 'सहकार किसान सम्मेलन' में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. (ANI Photo)

Rajasthan Elections 2023 News: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कथित ‘लाल डायरी’ के मुद्दे पर इस्तीफा देने के बाद चुनाव मैदान में उतरना चाहिए. केन्द्रीय सहकारिता मंत्री शाह ने कहा कि डायरी में ‘‘करोड़ों, अरबों रुपये के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा है.’’ साथ ही उन्होंने कहा कि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा सरकार ने किसानों के लिए ढेर सारे काम किए हैं. अमित शाह राजस्थान के गंगापुर सिटी शहर में ‘सहकार किसान सम्मेलन’ को संबोधित कर रहे थे. राजस्थान में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं.

गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा, “आजकल गहलोत साहब लाल डायरी से बहुत डर रहे हैं. क्यों डर रहे हैं भला. जरा बताओ तो राजस्थान वालों? डायरी का आगे का कलर लाल है, अंदर काले कारनामे छिपे हुए हैं. अरबों, करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा. उस लाल डायरी के अंदर है.” केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “मैं गहलोत साहब से कहने आया हूं कि चंद लोग भेजकर नारे लगाने से कुछ नहीं होता. जरा भी शर्म बची है, तो लाल डायरी के मुद्दे पर इस्तीफा देकर चुनाव के मैदान में आइए. हो जाए दो-दो हाथ.” अपने संबोधन के आखिर में उन्होंने कहा, “घर में कोई भी डायरी हो, उसका रंग लाल मत रखना. गहलोत जी नाराज हो जाएंगे.” राजस्थान मंत्रिमंडल से बर्खास्त राजेंद्र गुढ़ा ने 24 जुलाई को विधानसभा में कथित ‘लाल डायरी’ का मुद्दा उठाने की कोशिश की थी.

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राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्होंने यह डायरी जुलाई 2020 में आयकर छापे के दौरान कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के आवास से हासिल की थी और इसमें गहलोत सहित अन्य लोगों के नाम से वित्तीय लेनदेन दर्ज हैं. शाह के संबोधन की शुरूआत में कुछ लोग नारेबाजी करते दिखाई दिए थे. गृह मंत्री ने इसकी तरफ इशारा करते हुए बाद में कहा, “जो लोग नारे लगा रहे थे, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि कि नारे लगाने की जगह चंद्रयान को आगे बढ़ाया होता, तो आज नारे लगाने की नौबत नहीं आती.

सहकारिता मंत्रालय बनाया होता, किसानों का कल्याण किया होता, तो आज नारे लगाने की जरूरत नहीं पड़ती.” केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने दावा किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया, जबकि भाजपा ने किसानों के लिए ढेर सारे काम किए और कई योजनाएं शुरू कीं. उन्होंने कहा, “कांग्रेस की सरकार थी, तो कृषि बजट 22 हजार करोड़ रुपये था, जिसे मोदी जी ने छह गुना बढ़ाकर एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये कर दिया.” 

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अमित शाह ने कहा, “75 साल से देश के किसान अलग सहकारिता मंत्रालय की मांग कर रहे थे. प्रधानमंत्री मोदी ने उस मांग को पूरा कर अलग सहकारिता मंत्रालय बनाया. नरेंद्र मोदी जब से प्रधानमंत्री बने हैं, ढेर सारे ऐसे काम जो देश में कभी नहीं हुए थे, अब हो रहे हैं.” चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले ही चांद के सॉउथ पोल पर हमारा चंद्रयान 3 तिरंगा लहराते हुए पहुंच गया. समग्र देश में एक तरह से नई ऊर्जा और नये विश्वास का संचार हुआ है.” उन्होंने कहा, “चांद के साउथ पोल के रहस्य, रहस्य बने हुए थे. क्या दुनिया का कोई देश वहां पहुंच पाया. पीएम मोदी ने हमारे स्पेस मिशन को नई गति, नई ऊर्जा दी और आज भारत चांद के साउथ पोल पर पहली बार पहुंचने वाला देश बना गया. यह सभी देशवासियों के लिए गौरव का विषय है.” 

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि देश में सहकारी आंदोलन ने किसान, मजदूर, नौजवान व माताओं-बहनों के सामाजिक व आर्थिक जीवन में परिवर्तन लाने का काम किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने सहकारी आंदोलन को देश के हर राज्य में पहुंचाने और इसके माध्यम से समाज के जीवन में परिवर्तन लाने का लक्ष्य बनाकर काम किया है. उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन के माध्यम से किसानों के जीवन में बदलाव आया है. सहकारी आंदोलन ने शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाया. बिरला ने कहा कि इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए गांवों में खाद्य प्रसंस्करण संगठन स्थापित करने की जरूरत है. बिरला के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारिता विभाग बनाकर सहकारिता के माध्यम से लोगों के सामाजिक और आर्थिक जीवन में परिवर्तन को लक्ष्य बनाया है वहीं गृह मंत्री शाह ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों को स्वावलंबी बनाया है. 

ओम बिरला ने कहा, ‘‘अगर सहकारिता में भ्रष्टाचार को समाप्त करना है, सहकारिता में पारदर्शिता लानी है ...तो एक ऐसे राज को लाओ जो सहकारिता आंदोलन में पारदर्शिता ला सके और आने वाले समय में राजस्थान के किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर बिना किसी सीमा के कर्ज मिल सके.’’ इस अवसर पर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया और जसकौर मीणा, राज्यसभा सदस्‍य किरोड़ी लाल मीणा तथा नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी मौजूद थे.

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