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राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. Representational Imageराजस्थान सरकार 20 अगस्त से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना (Indira Kitchen Scheme) शुरू करने जा रही है. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि राज्य सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के महान व्यक्तित्व के नाम पर मानव सेवा की ऐसी योजना शुरू करने जा रही है, जिसमें गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों को मात्र 8 रुपये में शुद्ध पौष्टिक भोजन मिलेगा. खाने में प्रति थाली 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती एवं अचार का मेन्यू निर्धारित किया गया है.
राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी. गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर बैठक में इस योजना की तैयारियों की समीक्षा की थी. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इंदिरा रसोई योजना को जनसेवा की भावना, पारदर्शिता एवं जनभागीदारी के साथ लागू किया जाए ताकि यह पूरे देश में निर्धन वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल बने. योजना के संचालन में सेवाभावी संस्थाओं एवं स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए. ऐसी संस्थाओं का चयन जल्द से जल्द करने के लिए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं.
ऐप व CCTV से होगी निगरानी
कोरोना महामारी से बचाव को लेकर भी इंदिरा रसोई में आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे. योजना की आईटी आधारित निगरानी की जाएगी. लाभार्थी को कूपन लेते ही मोबाइल पर एसएमएस से सूचना मिल जाएगी. मोबाइल ऐप एवं सीसीटीवी से रसोई की निगरानी की जाएगी.
प्रति थाली 12 रु का अनुदान देगी राज्य सरकार
इंदिरा रसोई योजना में भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर कमेटी गठित होगी. नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के मुताबिक, राज्य सरकार प्रति थाली 12 रुपये अनुदान देगी. प्रदेश के सभी 213 नगर निकायों में 358 इंदिरा रसोई का संचालन किया जाएगा, जहां जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ भोजन कराया जाएगा. योजना के तहत प्रतिवर्ष 4 करोड़ 87 लाख लोगों को खाना उपलब्ध कराने का लक्ष्य है.
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