/financial-express-hindi/media/post_banners/SY9JxlHkGuFanAx0MbHF.jpg)
Image: AFP
/financial-express-hindi/media/post_attachments/YNcpoYh1AIIHMuKLVBpZ.jpg)
कोरोना संकट काल में किसी को भी अन्न की कमी न पड़े, इसके लिए सरकार ने 80 करोड़ राशन कार्ड धारकों को एक्स्ट्रा राशन देने का एलान किया. इसके चलते राशनकार्ड धारकों को उनके राशन कार्ड की मौजूदा लिमिट के ऊपर तीन माह अप्रैल, मई, जून के लिए 5 किलो अतिरिक्त चावल/गेहूं मुफ्त में दिया जाएगा. राशन कार्ड वैसे तो एक एक सरकारी डॉक्युमेंट है, जिसकी मदद से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत उचित दर की दुकानों से गेहूं, चावल आदि बाजार मूल्य से बेहद कम दाम पर खरीद सकते हैं.
राशन कार्ड का इस्तेमाल कई जगहों पर आईडी प्रूफ के तौर पर भी होता है. उदाहरण के तौर पर एलपीजी कनेक्शन, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने आदि में. इसे पते के प्रूफ के तौर पर भी मान्य किया जाता है. लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि राशन कार्ड हर किसी का नहीं बन सकता. यह एक निश्चित आयवर्ग के लिए ही होता है, जिसकी सीमा अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होती है.
आम तौर पर 3 प्रकार के राशन कार्ड होते हैं- गरीबी रेखा के ऊपर (APL), गरीबी रेखा के नीचे (BPL) और अन्त्योदय परिवारों के लिए. अंत्योदय कैटेगरी में बेहद ज्यादा गरीब लोग रखे जाते हैं. ये कैटेगरी व्यक्ति की सालाना आय के आधार पर तय होती है. इसके अलावा अलग-अलग राशन कार्ड पर सस्ती दरों पर मिलने वाली चीजें, उनकी मात्रा अलग-अलग रहती है. यह ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र के आधार पर भी अलग-अलग हो सकती है.
पात्रता शर्तें
- राशन कार्ड बनवाने के लिए व्यक्ति का भारत का नागरिक होना अनिवार्य है.
- व्यक्ति के पास किसी अन्य राज्य का राशन कार्ड नहीं होना चाहिए.
- जिसके नाम पर राशन कार्ड बन रहा है, उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए.
- 18 साल से कम उम्र के बच्चों का नाम माता-पिता के राशन कार्ड में शामिल किया जाता है.
- एक परिवार में परिवार के मुखिया के नाम पर राशन कार्ड होता है.
- राशन कार्ड में जिन सदस्यों को शामिल किया जा रहा है, उनका परिवार के मुखिया से नजदीकी संबंध होना जरूरी है.
- परिवार के किसी भी सदस्य का उससे पहले से कोई भी राशन कार्ड में नाम नहीं होना चाहिए.
UP सरकार विधवाओं को सालाना 6000 रु की देती है मदद, ऑनलाइन कर सकते हैं अप्लाई
कैसे कर सकते हैं अप्लाई
राशन कार्ड राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाता है. इसलिए हर राज्य में राशन कार्ड के लिए अप्लाई करने की प्रॉसेस अलग-अलग है. कहीं इसके लिए ऑफलाइन ही अप्लाई किया जा सकता है तो कहीं पर ऑनलाइन आवेदन की सुविधा है. उदाहरण के तौर पर अगर आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं तो आप https://fcs.up.gov.in/FoodPortal.aspx को एक्सेस कर फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. इसके बाद उसमें सभी जरूरी जानकारियां भरकर अपने क्षेत्र के राशन डीलर को या खाद्य आपूर्ति विभाग के दफ्तर में सौंप दें. आवेदन के लिए तहसील में इस कार्य से संबंधित अधिकारी से भी संपर्क किया जा सकता है. आवेदनकर्ता चाहे तो राशन कार्ड के लिए कॉमन सर्विस सेंटर में भी अप्लाई कर सकता है. राशन कार्ड का फॉर्म सौंपने के बाद स्लिप लेना न भूलें.
इन डॉक्युमेंट्स की पड़ती है जरूरत
राशन कार्ड बनवाने के लिए आईडी प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, सरकार के द्वारा जारी किया गया कोई आई कार्ड, हेल्थ कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस दिया जा सकता है. इसके अलावा पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आय प्रमाण पत्र, पते के प्रमाण के तौर पर बिजली बिल, गैस कनेक्शन बुक, टेलिफोन बिल, बैंक स्टेटमेंट या पासबुक, रेंटल एग्रीमेंट जैसे डॉक्युमेंट भी लगेंगे.
मामूली फीस का भी प्रावधान
राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदनकर्ता को मामूली फीस का भुगतान भी करना होता है. इसके लिए आवेदनकर्ता को अपने राज्य व क्षेत्र में पता करना होगा. उदाहरण के लिए दिल्ली में यह शुल्क 5 रुपये से 45 रुपये तक है. एप्लीकेशन सबमिट होने के बाद इसे फील्ड वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है. अधिकारी फॉर्म में भरी जानकारियों की जांच कर पुष्टि करता है. आम तौर पर यह जांच आवेदन करने के 30 दिन के अंदर पूरी हो जाती है. इसके बाद आगे की प्रक्रिया होती है. सभी डिटेल वेरिफाई होने के बाद राशन कार्ड बन जाता है. अगर कोई डिटेल गलत पाई जाती है तो आवेदनकर्ता पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.