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Image: Reutersरिजर्व बैंक (RBI) ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के साथ वाहन और आवास क्षेत्र के लिए कर्ज का फ्लो बढ़ाने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) रखरखाव नियमों में बदलाव करते हुए कुल जमा की गणना में ढील दी है. इस कदम से बैंकों का इन लक्षित क्षेत्रों को ऋण बढ़ेगा क्योंकि उन्हें बढ़े हुए कर्ज पर सीआरआर में छूट मिलेगी. यह छूट सुविधा जुलाई 2020 तक उपलब्ध रहेगी.
बैंकों द्वारा अनिवार्य रूप से कुल जमा का जो प्रतिशत रिजर्व बैंक के पास रखा जाता है, उसे सीआरआर कहते हैं. अभी यह बैंकों की कुल जमा का चार फीसदी है. रिजर्व बैंक द्वारा विकास एवं नियामकीय नीतियों पर जारी वक्तव्य में कहा गया है कि मौद्रिक रूप से पारेषण के अलावा रिजर्व बैंक सक्रिय तरीके से उत्पादक क्षेत्रों को बैंक ऋण बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, जिससे वृद्धि को प्रोत्साहन दिया जा सके.
यह भी लिया गया फैसला
इसमें कहा गया है, ‘‘इसी के साथ यह भी तय किया गया है कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को वाहन, आवास और एमएसएमई क्षेत्र को दिए गए बढ़े हुए खुदरा ऋण के बराबर राशि की कटौती करने की अनुमति होगी. यह कटौती इन क्षेत्रों को ऋण के बकाया स्तर पर 31 जनवरी, 2020 को समाप्त पखवाड़े के लिए सीआरआर के रखरखाव के लिए शुद्ध मांग और टाइम देनदारियों (एनडीटीएल) से करने की होगी.’’
डीसीसीओ शुरू करने की तारीख का भी विस्तार
यह सुविधा बढ़े हुए ऋण पर 31 जुलाई, 2020 को समाप्त पखवाड़े तक उपलब्ध होगी. रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन के लिए रिजर्व बैंक ने वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए परियोजना ऋण के वाणिज्यिक परिचालन (डीसीसीओ) को शुरू करने की तारीख का भी विस्तार किया है. यह सुविधा उन मामलों में मिलेगी जहां परियोजना में देरी प्रवर्तकों की वजह से नहीं हुई है. इस सुविधा को संपत्ति वर्गीकरण को घटाए बिना एक साल के लिए बढ़ाया गया है.
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