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RBI ने रद्द किया इस बैंक का लाइसेंस, जमाकर्ताओं के पैसे का क्या होगा?

पहले बैंक का लाइसेंस 31 मार्च को रद्द किया जाना था लेकिन बाद में RBI ने अवधि बढ़ाकर 31 मई कर दी थी.

पहले बैंक का लाइसेंस 31 मार्च को रद्द किया जाना था लेकिन बाद में RBI ने अवधि बढ़ाकर 31 मई कर दी थी.

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RBI cancels CKP Co-operative Bank’s licence due to  lack of viable revival plan, depositors entitled to repayment of 5 lakh only

Image: Reuters

RBI cancels CKP Co-operative Bank’s licence due to  lack of viable revival plan, depositors entitled to repayment of 5 lakh only Image: Reuters

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मुंबई स्थित CKP सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है. RBI के इस फैसले से बैंक के ग्राहकों को बड़ा झटका लगा है. पहले बैंक का लाइसेंस 31 मार्च को रद्द किया जाना था लेकिन बाद में RBI ने अवधि बढ़ाकर 31 मई कर दी थी. लेकिन अब केन्द्रीय बैंक ने इस डेडलाइन से पहले ही सीकेपी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी बयान के मुताबिक, सीकेपी सहकारी बैंक के आर्थिक हालात पिछले काफी समय से चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं. बैंक की वित्तीय स्थिति काफी बुरी और अनसस्टेनेबल है. बैंक को इन हालातों से बाहर निकालने का कोई तरीका भी नहीं है और न ही बैंक किसी अन्य बैंक के साथ मर्जर की स्थिति में है. RBI के मुताबिक, बैंक का घाटा बढ़ने और नेट वर्थ में बड़ी गिरावट आने की वजह से बैंक के लेन-देन पर साल 2014 में प्रतिबंध लगाया गया था. उसके बाद इस प्रतिबंध को कई बार बढ़ाया गया, आखिरी बार प्रतिबंध की अवधि बढ़ाकर 31 मई की गई. लेकिन बैंक की हालत में सुधार न होने पर RBI ने पहले ही कदम उठा लिया.

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बैंक में 1.25 लाख खाताधारक

लाइसेंस और लिक्विडेशन प्रोसिडिंग्स कैंसिल होने से CKP सहकारी बैंक लिमिटेड के जमाकर्ताओं को भुगतान की प्रक्रिया DICGC Act 1961 के अनुरूप अमल में लाई जाएगी. आगे कहा कि जमाकर्ताओं को उनकी 5 लाख रुपये तक की जमा वापस मिल जाएगी. केन्द्रीय बैंक के इस कदम का अर्थ है कि सीकेपी सहकारी बैंक डिपॉजिट स्वीकारने समेत कोई भी बैंकिंग बिजनेस नहीं कर पाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक में 1.25 लाख खाताधारक हैं. बैंक की नेटवर्थ 230 करोड़ रुपये है.

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सभी खातों को मिलाकर कुल 5 लाख सेफ

बता दें कि अगर कोई बैंक दिवालिया हो जाए/डूब जाए या डिफॉल्ट कर जाए तो ग्राहकों की पूरी जमा सुरक्षित नहीं है. अगर कोई बैंक डूब जाता है तो अब उस बैंक में ग्राहकों की 5 लाख रुपये तक की जमा ही सिक्योर्ड है. पहले यह लिमिट 1 लाख रुपये तक थी. लेकिन बजट 2020 में इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया. 5 लाख रुपये तक की नई लिमिट एक ग्राहक की एक बैंक की सभी शाखाओं में मौजूद सभी जमाओं मसलन, बचत खाता, एफडी, आरडी आदि को मिलाकर है.

दरअसल, बैंक जमा पर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रे​डिट गारंटी (DICGC) कॉरपोरेशन डिपॉजिट इंश्योरेंस कवरेज उपलब्ध कराती है. DICGC भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी है. RBI के निर्देश के मुताबिक सभी कमर्शियल और को ऑपरेटिव बैंक का DICGC से बीमा होता है, जिसके तहत जमाकर्ताओं को बैंक जमा पर सुरक्षा मिलती है. इसमें सभी छोटे और बड़े कमर्शियल बैंक व कोऑपरेटिव बैंक कवर्ड हैं, चाहे उनकी ब्रांच भारत में हो या विदेश में.

Rbi Reserve Bank Of India