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RBI ने रेपो और रिवर्स रेपो रेट को 5.15 फीसदी और 4.90 फीसदी पर बरकरार रखा था.
RBI ने रेपो और रिवर्स रेपो रेट को 5.15 फीसदी और 4.90 फीसदी पर बरकरार रखा था.फिच सोल्यूशन्स (Fitch Solutions) ने शुक्रवार को कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 के आखिर तक बेंचमार्क ब्याज दरों में 40 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती करने की उम्मीद है. RBI ने 6 फरवरी को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो और रिवर्स रेपो रेट को 5.15 फीसदी और 4.90 फीसदी पर बरकरार रखा था. इसके साथ RBI ने कहा कि वर्तमान में मौजूद ज्यादा मुद्रास्फीति की वजह से RBI ने रेपो रेट में कटौती पर विराम लगाया है. यह रिजर्व बैंक ने अपने मुद्रास्फीति को 6 फीसदी से नीचे के लक्ष्य को देखते हुए किया है.
मुद्रास्फीति में कमी आएगी: फिच
आने वाले महीनों में मुद्रास्फीति का दबाव कम होने से RBI दोबारा वृद्धि को प्राथमिकता देते हुए अपनी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. फिच ने कहा है कि वे मानते हैं आरबीआई कटौती को दोबारा शुरू करेगा क्योंकि बजट में आने वाले दिनों में वृद्धि को कम समर्थन मिलेगा. उन्होंने कहा कि फिच सोल्यूशन्स वित्त वर्ष 2020-21 के आखिर तक रेपो और रिवर्स रेपो रेट 40 बेसिस प्वॉइंट्स तक गिर सकता है.
फिच ने कहा कि उनका मानना है खाद्य मुद्रास्फीति आने वाले महीनों में बेहतर खाद्य आपूर्ति की वजह से कम होगी. 2020 की पहली तिमाही के दौरान फसल बेहतर रहेगी और इससे आरबीआई ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए रेपो रेट में कटौती करेगा.
फिच सोल्यूशन्स ने कहा कि उनका मानना है कि बजट में ग्रोथ को सपोर्ट के लिए किए कम उपायों की वजह से अब अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने की जिम्मेदारी आरबीआई पर है.
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने माना था कि अर्थव्यवस्था की स्थिति कमजोर बनी हुई है और आउटपुट गैप नकारात्मक है. जहां कुछ आर्थिक संकेतक जैसे ट्रैक्टर, थ्री-व्हीलर्स, घरेलू हवाई यात्रा और रेलवे से आर्थिक स्थिति में रिकवरी के संकेत मिले हैं, वहीं समिति ने गौर किया कि आने वाले दिनों में डेटा को मॉनिटर करना होगा.
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