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RBI Monetary Policy: रिजर्व बैंक ने चौंकाया, रेपो रेट 6.50% पर बरकरार, FY24 में 6.5% रह सकती है GDP ग्रोथ

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौजूदा वित्त वर्ष में पहली बार आज 6 अप्रैल 2023 को अपनी मौद्रिक नीति का एलान करेगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौजूदा वित्त वर्ष में पहली बार आज 6 अप्रैल 2023 को अपनी मौद्रिक नीति का एलान करेगा.

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Sushil Tripathi
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RBI Policy

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौजूदा वित्त वर्ष में पहली बार आज 6 अप्रैल 2023 को अपनी मौद्रिक नीति का एलान करेगा.

RBI Monetary Policy Decision Today: रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्‍त वर्ष की पहली मॉनेटरी पॉलिसी में बड़ी राहत दी है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ब्‍याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का एलान किया है. यानी रेपो रेट पहले की तरह 6.50 फीसदी पर बरकरार रहेगा. शक्तिकांत दास ने कहा कि घरेलू और ग्‍लोबल स्‍तर पर कई तरह की चुनौतियां बरकरार हैं, जिससे अर्थव्‍यवस्‍था और महंगाई पर असर हो रहा है. मसलन प्राइसिंग प्रेशर, बैंकिंग क्राइसिस, जियोपॉलिटिकल टेंशन. लेकिन इस बार मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट में बदलाव न करने का फैसला किया है. बता दें कि इसके पहले लगातार 6 बार ब्‍याज दरों में इजाफा किया गया था. रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर कमर्शियल बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं.

मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच दरों में लगातार 6 बार इजाफा किया गया था. इसके पहले 8 फरवरी 2023 को RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया था. वहीं पिछले साल ब्‍याज दरों में 5 बार बढ़ोतरी की गई थी. पिछले साल दिसंबर 2022 में रेपो रेट में 35 बेसिस प्‍वॉइंट का इजाफा हुआ था. 30 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, अगस्‍त 2002 में 50 बेसिस प्‍वॉइंट, जून में 50 बेसिस प्वॉइंट और मई में 40 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा हुआ था. 7 बार में रेपो रेट में 2.75 फीसदी बढ़ोतरी हो चुकी है. मई 2022 के पहले रेपो रेट 4 फीसदी था, जो अब बढ़कर 6.50 फीसदी हो गया है.

FY24: 6.5% रह सकती है GDP ग्रोथ

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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है. जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में आर्थिक वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है. उनका कहना है कि आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं.

वित्तीय संकट है मसला

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत ने कहा कि अमेरिका में बैंकों के विफल होने से वित्तीय संकट मुद्दा बना है. अर्थव्यवस्था में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिये हमने नीतिगत दर को यथावत रखा है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम स्थिति के हिसाब से कदम उठाएंगे. उनका कहना है कि
बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय प्रणाली मजबूत बनी हुई है.

FY24: महंगाई 5.2% रहने का अनुमान

चालू वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है. पहली तिमाही में यह 5.1 फीसदी रह सकती है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई में नरमी आएगी, इस पर कंट्रोल करने के प्रयास जारी रहेंगे.

Rbi Monetary Policy Review