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Image: Bloomberg
कोरोना वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की जरूरत के बीच कर्ज पुनर्गठन जैसे अन्य उपायों की घोषणा कर सकता है. Image: BloombergReserve Bank Monetary Policy Meeting: RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक का नतीजा आज आने वाला है. रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की यह 24वीं बैठक है. नीतिगत दर में कटौती को लेकर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में कटौती से बच सकता है. हालांकि कोरोना वायरस संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की जरूरत के बीच कर्ज पुनर्गठन जैसे अन्य उपायों की घोषणा कर सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय कोविड-19 के प्रभाव से निपटने के लिए कर्ज पुनर्गठन ज्यादा जरूरी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कहा था कि हमारा ध्यान पुनर्गठन पर है. वित्त मंत्रालय RBI से इस बारे में बातचीत कर रहा है. इसके अलावा केंद्रीय बैंक कर्ज लौटाने को लेकर दी गई मोहलत (Loan Moratorium) के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी कर सकता है. इसकी अवधि 31 अगस्त को समाप्त होने जा रही है. बैंक अधिकारी इसके गलत इस्तेमाल की आशंका को लेकर इसकी मियाद बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
दो बार वक्त से पहले ही हो गई मीटिंग
कोविड-19 संकट के बीच तेजी से बदलते वृहत आर्थिक परिवेश और वृद्धि परिदृश्य के कमजोर होने के साथ एमपीसी की बैठक समय से पहले दो बार हो चुकी है. पहली बैठक मार्च में और उसके बाद मई 2020 में दूसरी बैठक हुई. एमपीसी ने दोनों बैठकों में रिजर्व बैंक की नीतिगत ब्याज दर में कुल मिला कर 1.15 फीसदी की कटौती की. इससे आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कुल मिलाकर नीतिगत दर में फरवरी 2019 के बाद से 2.50 फीसदी की कटौती हो चुकी है.
बैंकों ने नये कर्ज पर ब्याज दर में 0.72% घटाए
केंद्रीय बैंक महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से अर्थव्यवस्था को नुकसान कम करने के लिये सक्रियता से कदम उठाता रहा है. एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने नये कर्ज पर ब्याज दर में 0.72 फीसदी की कटौती की है. यह बताता है कि नीतिगत दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को ब्याज दर में कटौती के जरिये तेजी से दिया गया.
Input: PTI
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