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RBI ने दी बड़ी राहत! रेपो रेट 0.75% घटाया, CRR में 1% कटौती; वित्त मंत्री ने कहा- ग्राहकों को जल्द मिले फायदा

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक अप्रैल के पहले सप्ताह में होनी थी लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इसे 25 से 27 मार्च के बीच किया गया.

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक अप्रैल के पहले सप्ताह में होनी थी लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इसे 25 से 27 मार्च के बीच किया गया.

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Big move from RBI! central bank cuts repo rate and CRR amid corona crisis governor shaktikanta das announces big steps for economy RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि रेपो रेट, CRR में कटौती समेत तमाम उपायों से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी बढ़ने का अनुमान है. (Image: Reuters)

RBI Press Conference: कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के खतरे को देखते हुए केंद्रीय बैंक आरबीआई ने शुक्रवार को बड़ा एलान किया है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बड़ी कटौती कर दी. इस कटौती के बाद अब रेपो रेट घटकर 4.4 फीसदी रह गया है. इसके साथ ही रिवर्स रेपो दर भी 0.90 फीसदी घटाकर इसे 4 फीसदी पर ला दिया. वहीं, कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में भी एक फीसदी की कटौती की. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते अर्थव्यवस्था को होने वाले खतरे को देखते हुए मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने समय से पहले ही समीक्षा बैठक की. बैठक में 4 सदस्य बड़ी कटौती के पक्ष में थे. जिसके बाद यह फैसला लिया गया. समीक्षा बैठक 24 से 27 मार्च तक चली. बता दें कि पिछले समीक्षा बैठक में दरों में किसी भी तरह के बदलाव न करने का फैसला किया गया था. इसके पहले भी आरबीआई 5 बार दरों में कटौती कर चुकी है. आरबीआई से दी गई राहत के बाद कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है. इन तमाम उपायों से अर्थव्यवस्था में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी बढ़ने का अनुमान है.

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इससे पहले, रिजर्व बैंक ने यह कदम सरकार की तरफ से गुरुवार को गरीबों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिये 1.70 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किये जाने के एक दिन बाद उठाया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक मिशन में रहकर काम कर रहा है. मौजूदा परिस्थिति में जो भी जरूरी होगा रिजर्व बैंक वह कदम उठाएगा. उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक पहले अप्रैल के पहले सप्ताह में होनी थी लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इसे 25 से 27 मार्च के बीच कर दिया गया. शक्तिकांत दास ने कहा कि सीआरआर में कटौती, रेपो दर आधारित नीलामी समेत अन्य कदम से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए 3.74 लाख करोड़ रुपये के बराबर अतिरिक्त लिक्विडिटी उपलब्ध होगी.

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CRR 3%,  रिवर्स रेपो रेट 4%

आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 0.9 फीसदी घटाकर 4 फीसदी कर दिया है. कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में 100 बेसिस प्वॉइंट कटौती हुई है ओर यह 3 फीसदी रह गया है. LAF में 90 बेसि प्वॉइंट की कटौती हुई है और यह 4 फीसदी पर आ गया है. RBI की मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू 3 अप्रैल को होने वाला था, लेकिन मौजूदा हालत को देखते हुए इसे जल्दी कर दिया गया. RBI गवर्नर ने कह कि हमारा फोकस फाइनेंशियल स्टेबिलिटी पर है. दूसरी क्षमाही में 4.4 फीसदी ग्रोथ हासिल करना चुनौतीपूर्ण है. शक्तिकांता दास ने कहा कि कोरोना की वजह से मांग में काफी कमी आई है. कोरोना से ग्रोथ, महंगाई में काफी बदलाव संभव है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय जैसी अस्थिरता कभी नहीं देखी गई.

ग्राहकों को जल्द मिले फायदा: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने और कर्ज सस्ता करने के लिये शुक्रवार को घोषित रिजर्व बैंक के कदमों की सराहना की है. उन्होंने रेपो दर में की गई कटौती का लाभ जल्द से जल्द ग्राहकों तक पहुंचाने पर भी जोर दिया. वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि कर्ज किस्तों के भुगतान और कार्यशील पूंजी के ब्याज पर तीन महीने के लिये रोक लगाने के कदम जरूरी राहत पहुंचाने वाले कदम हैं. ब्याज दरों में कमी का लाभ ग्राहकों तक जल्द से जल्द पहुंचाया जाना चाहिए. उद्योगों और कर्ज लेने वालों की यह शिकायत रही है कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में पिछले कुछ माह के दौरान भारी कटौती किये जाने के बावजूद बैंकों ने कर्ज की दर में उतनी कटौती नहीं की है. अब जबकि रिजर्व बैंक ने रेपो दर में पौना प्रतिशत की कटौती की है तो कर्ज पर भी ब्याज दर में इसी के अनुरूप कटौती की जानी चाहिए.

इकोनॉमी प्रभावित होने का डर

बता दें कि कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका है, जिससे ग्लोबल इकोनॉमी पर दबाव है. इसे देखते हुए दुनियाभर के देश अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. कारोना के चलते ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित हुई है, जिससे घरेलू कंपनियां भी प्रभावित हो रही है. इसका असर कई प्रमुख सेक्टर पर पड़ रहा है और उनके चौथी तिमाही के नतीजे इससे प्रभावित होने की आशंका है. कंपनियों के रेवेन्यू में खासी गिरावट आ सकती है. इसे देखते हुए सरकार और आरबीआई भी अपनी ओर से कई उपाय करने में लगे हैं.

फरवरी 2019 से 2.10% घट चुकी हैं दरें

इसके पहले 4 अक्टूबर 2019 को आरबीआई ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की थी और तब रेपो रेट 5.15 फीसदी रह गया था. फरवरी से अक्टूबर 2019 के बीच लातार 5 बार दरों में कटौती की गई थी और तब तक कुल कटौती 135 बेसिस प्वॉइंट की रही थी. 5 दिसंबर को होने वाली समीक्षा बैठक में दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. फिलहाल कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए एक्सपर्ट कम से कम 50 बेसिस प्वॉइंट की कटौती उम्मीद कर रहे थे.

बैंक और फाइनेंशियल शेयरों में तेजी

रेट कट की उम्मीद के बाद शेयर बाजार में शानदार तेजी देखने को मिल रही है. सेंसेक्स करीब 1000 अंकों की तेजी के साथ 30,948.97 के सतर पर पहुंच गया. वहीं, निफ्टी भी 350 अंकों की तेजी के साथ 8950 के पार निकल गया. आज के कारोबार में बैंक और फाइनेंशियल शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिल रही है. गुरूवार को कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार ने गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ के राहत पैकेज का एलान किया था. इससे बाजार सेंटीमेंट मजबूत हुए हैं. आज के कारोबार में सेंसेक्स 30 के 26 शेयरों में खरीददारी देखने को मिल रही है. इंडसइंड बैंक में आज भी 15 फीसदी तेजी है. एक्सिस बैंक, SBI, बजाज फाइनेंस, ICICI बैंक और HDFC बैंक आज के टॉप गेनर्स हैं.

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