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रिजर्व बैंक (RBI) ने फिलहाल रेपो रेट में कटौती नहीं है. केंद्रीय बैंक ने हालांकि हालात के अनुसार ब्याज दरों में कटौती का फैसला करने के संकेत दिए हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संकेत दिया कि ब्याज दरों में कटौती हो सकती है. शक्तिकांत दास ने कहा, ''RBI एक्ट के अनुसार रेपो रेट पर फैसला एमपीसी की बैठक में होगा. हालांकि मैं किसी भी संभावना से इनकार नहीं करता हूं.'' इसके अलावा, मार्केट में लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए रिजर्व बैंक ने LTRO के जरिए 1 लाख करोड़ उपलब्ध कराने और छह महीने का एक और अमेरिकी डॉलर सेल/बाय स्वैप 23 मार्च को कराने का प्रस्ताव रखा है. इससे पहले यह माना जा रहा था कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरह आरबीआई भी ब्याज दरों में कटौती का फैसला कर सकता है.
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड 19 मानवीय त्रासदी बनता जा रहा है. इसमें भारत भी सुरक्षित नहीं है. कोरोनावायरस का असर दुनिया भर के वित्तीय मार्केट पर हुआ है. कुछ विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों ने लिक्विडिटी सपोर्ट के लिए पॉलिसी रेट घटाए गए हैं. उन्होंने कहा, ''देश में अभी नकदी की स्थिति ठीक है. हालात को देखते हुए हम फैसला करेंगे. मैं किसी भी संभावना से इनकार नहीं करता. आरबीआई जरूरत के अनुसार अर्थव्यवस्था को सपोर्ट देने के लिए अलग-अलग पॉलिसी उपायों का इस्तेमाल करेगा.''
भारत की ग्रोथ रेट पड़ सकती है सुस्त!
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोविड 19 मानवीय त्रासदी बनता जा रहा है. इसमें भारत भी सुरक्षित नहीं है. कोविड19 के चलते भारत की ग्रोथ धीमी पड़ सकती है. पूरी दुनिया में वित्तीय मार्केट प्रभावित हुआ है. विकसित देशों में पॉलिसी रेट घटाए गए हैं. कोविड 19 का आर्थिक गतिविधियों पर सीधा असर हो सकता है. खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र और कच्चे माल की सप्लाई को लेकर व्यापार काफी प्रभावित हुआ है.
उन्होंने कहा कि ग्लोबल स्लोडाउन के असर का हम पॉलिसी में समीक्षा करेंगे. टूरिज्म, हॉस्पिटलिटी, एयरलाइंस पर बुरा असर हो रहा है. फॉरेक्स और बांड मार्केट भी इससे बचे हुए नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है. रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ दिनों में कई कदम उठाए हैं.
डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दें बैंक
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड 19 के असर को देखते हुए बैंक ग्राहकों को डिजिटल ट्रांजैक्शन की अधिक सुविधा उपलब्ध कराएं. जिससे कि लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से रोका जा सके.
US फेडरल रिजर्व ने शून्य फीसदी किया
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को दूर करने तथा निवेशकों का भरोसा कायम रखने के लिए रविवार को ब्याज दरें घटाकर शून्य फीसदी कर दिया. अमेरिका में नीतिगत ब्याज दर घटकर 0-0.25 फीसदी की रेंज में आ गया है. मार्च के पहले सप्ताह में भी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती का एलान किया था. यह दो सप्ताह से भी कम समय में फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दर में की गई दूसरी आपातकालीन कटौती है. इस दूसरी कटौती के बाद अमेरिका में नीतिगत ब्याज दर 2008 के आर्थिक संकट के समय के स्तर पर आ गई है.
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न्यूजीलैंड ने की 0.75% की बड़ी कटौती
न्यूजीलैंड के केंद्रीय बैंक ने कोरोना वायरस से फैली महामारी के कारण आर्थिक मंदी के मंडरा रहे खतरे को दूर करने के लिये नीतिगत ब्याज दर में सोमवार को 0.75 फीसदी की बड़ी कटौती की. अब यह दर 0.25 फीसदी के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गई हैं. हालांकि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस कदम से शायद ही आर्थिक मंदी को टाला जा सकेगा. न्यूजीलैंड के केंद्रीय बैंक ने सोमवार को बाजार खुलने से पहले ही नीतिगत दर में 0.75 फीसदी की कटौती करने की घोषणा की. उसने कहा कि आपात स्थिति में उठाया गया यह कदम कम से कम 12 महीने तक अमल में रहने वाला है.