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सितंबर 2018 में खुदरा महंगाई मामली रूप से बढ़कर 3.77 फीसदी हो गई. (Reuters)
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रिजर्व बैंक द्वारा अब मौजूदा वित्त वर्ष में प्रमुख कर्ज दरों में बढ़ोत्तरी किए जाने की उम्मीद नहीं है. यह बात एसबीआई इकोरैप रिपोर्ट में कही गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2018 में खुदरा महंगाई मामली रूप से बढ़कर 3.77 फीसदी हो गई. माह दर माह आधार पर ग्रामीण खाद्य महंगाई में गिरावट दर्ज की गई, जबकि हेडलाइन इन्फ्लेशन में बढ़ोत्तरी रही.
2018-19 में खुदरा महंगाई 4.2 फीसदी रहने का अनुमान
इस बीच कोर खुदरा महंगाई सितंबर में गिरकर 5.81 फीसदी पर आ गई, जो अगस्त 2018 में 5.92 फीसदी थी. रिपोर्ट में कहा गया कि हमें वित्त वर्ष 2018-19 में खुदरा महंगाई दर 4.2 फीसदी हो जाने का अनुमान है. इसी के चलते ऐसा लगता है कि अब इस वित्त वर्ष में कर्ज दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी.
हाल की बैठक में नहीं बढ़ाई थी दरें
बता दें कि अक्टूबर की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद 5 अक्टूबर को आरबीआई ने मार्केट के अनुमानों के विपरीत कर्ज दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की थी. अनिश्चित ग्लोबल इकोनॉमिक परिदृश्य के चलते दरों को जस का तस छोड़ दिया गया था. इस वक्त रेपो रेट 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6.25 फीसदी बनी हुई है.