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RBI Repo Rate: फिर महंगा होने जा रहा है होम लोन, रिजर्व बैंक ब्‍याज दरों में 0.25 कर सकता है बढ़ोतरी, आज से मीटिंग शुरू

Rate Hike Cycle: वित्‍त वर्ष 2024 की पहली पहली मौद्रिक नीति में भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. रिटेल महंगाई अभी भी 6 फीसदी के पार बनी हुई है.

Rate Hike Cycle: वित्‍त वर्ष 2024 की पहली पहली मौद्रिक नीति में भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. रिटेल महंगाई अभी भी 6 फीसदी के पार बनी हुई है.

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FE Hindi Desk
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RBI MPC Review Meeting

RBI to Hike Rate: लोन की बढ़ रही दरों से परेशान हैं तो एक बार फिर महंगे कर्ज के लिए तैयार रहें.

RBI MPC Meeting: लोन की बढ़ रही दरों से परेशान हैं तो एक बार फिर महंगे कर्ज के लिए तैयार रहें. वित्‍त वर्ष 2024 की पहली पहली मौद्रिक नीति में भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. रिटेल महंगाई अभी भी 6 फीसदी के पार बनी हुई है. ऐसे में महंगाई दर को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक एक फिर रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है. गर्वनर शक्तिकांत दास समेत 6 सदस्यीय मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की समीक्षा बैठक आज 3 अप्रैल से शुरू हो रही है, जबकि 6 अप्रैल को एमपीसी अपने निर्णय का एलान करेगी. 4 अप्रैल को महावीर जयंती के कारण बैठक नहीं होगी.

महंगाई अभी भी उच्‍च स्‍तरों पर

एक्सपर्टस का मानना है कि रिटेल महंगाई के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बने रहने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व समेत कई केंद्रीय बैंकों के आक्रामक रुख के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी अगले सप्ताह पेश होने वाली मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की एक और बढ़ोतरी का फैसला कर सकता है. हालांकि यह मई, 2022 से शुरू हुई रेट हाइक साइकिल में आखिरी बढ़ोतरी हो सकती है. बता दें कि आरबीआई पिछले साल मई से अभी तक 250 बेसिस प्वाइंट रेपो रेट में इजाफा कर चुका है. अभी आरबीआई का रेपो रेट 6.50 फीसदी है.

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किन आधार पर होगा फैसला

बीते फरवरी 2023 में संपन्न पिछली एमपीसी बैठक में भी रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. एमपीसी की बैठक में मौद्रिक नीति से जुड़े तमाम घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पहलुओं की व्यापक समीक्षा के बाद कोई फैसला लिया जाएगा. इस दौरान हाई रिटेल इनफ्लेशन की स्थिति और विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों अमेरिकी फेडरल रिजर्व, यूरोपीय केंद्रीय बैंक एवं बैंक ऑफ इंग्लैंड के हालिया कदमों का भी गहन विश्लेषण किया जाएगा. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई जनवरी में 6.52 फीसदी और फरवरी में 6.44 फीसदी पर रही है. खुदरा मुद्रास्फीति का यह स्तर आरबीआई के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से अधिक है.

क्‍या कहना है एक्‍सपर्ट का

एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य ने हाल ही में कहा था कि मैं दरों में एक और अंतिम 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद करता हूं. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि पिछले 2 माह से महंगाई के 6 फीसदी से ऊपर बने रहने और लिक्विडिटी के भी अब लगभग तटस्थ हो जाने के बाद ऐसी उम्मीद है कि आरबीआई एक बार फिर रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है. इसके साथ ही आरबीआई अपने रुख को तटस्थ घोषित कर यह संकेत भी दे सकता है कि दरों में बढ़ोतरी का दौर खत्म हो चुका है. कुल मिलाकर पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई कुल 6 एमपीसी बैठक करेगा. केंद्र सरकार ने आरबीआई को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि रिटेल महंगाई 4 फीसदी (2 फीसदी ऊपर या नीचे) के दायरे में रहे.

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