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ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा कि कोरोना के मामलों में गिरावट को देखते हुए राज्यों की दोबारा खुलने की रणनीति अच्छा फैसला नहीं है और इससे संक्रमण में बढ़ोतरी भी हो सकती है.
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स (Oxford Economics) ने बुधवार को कहा कि कोरोना के मामलों में गिरावट को देखते हुए राज्यों की दोबारा खुलने की रणनीति अच्छा फैसला नहीं है और इससे संक्रमण में बढ़ोतरी भी हो सकती है. क्योंकि बहुत से राज्यों में टीकाकरण की कवरेज कम है. उसने एक रिपोर्ट में यह भी कहा कि वे सतर्क हैं और उन्होंने अपनी ग्रोथ का अनुमान 9.1 फीसदी पर बरकरार रखा है. उन्होंने कहा कि इस समय पर आर्थिक डेटा बदलाव का समर्थन नहीं करता है.
कोरोना के मामलों और टेस्ट पॉजिटिविटी रेट में तेज गिरावट की वजह से बहुत से राज्यों ने कोरोना संक्रमण को काबू में लाने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों में रियायतें दी हैं.
टीकाकरण की दर बेहद कम: रिपोर्ट
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने यह भी कहा कि टीकाकरण की दर उन स्तरों से बेहद कम है, जिनसे ज्यादा आबादी और आर्थिक तौर पर महत्वपूर्ण राज्यों में सोशल डिस्टैंसिंग सुनिश्चित करने के लिए लगाए गए नियमों में रियायत देने को सुरक्षित माना जा सकता है. इसमें कहा गया है कि जहां आंशिक प्रतिबंधों के कैलेंडर वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है, वहीं दोबारा खुलने की प्रक्रिया उम्मीद से ज्यादा तेज रफ्तार के साथ शुरू हो गई है.
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने कहा कि वे सोचते हैं कि यह दोबारा खोलने की रणनीति सही सोच-समझकर लिया गया फैसला नहीं है और इससे संक्रमण में बढ़ोतरी और भविष्य में प्रतिबंधों को दोबारा कड़ा करना पड़ सकता है. कोरोना की दूसरी लहर में रोजाना 4 लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे थे, जो पिछले कुछ दिनों में घटकर करीब 50 हजार के करीब पहुंच गए हैं और शहरों में अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक, दोबारा खोलने की प्रक्रिया उम्मीद के मुकाबले ज्यादा तेज रफ्तार के साथ शुरू हुई है, क्योंकि राज्य प्रतिबंधों में रियायतें देने के लिए टेस्ट पॉजिटिविटी रेट को देख रहे हैं. इसकी जगह यह देखना चाहिए कि आबादी के कितने हिस्से को टीका लगा है.