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Image: @rashtrapatibhvn/Twitter
Republic Day 2021 Eve: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) सोमवार को 72वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया. अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने देशवासियों से संविधान के मूल्यों का पालन करने की अपील की. उन्होंने अपने संबोधन में कोविड काल में किसानों, डॉक्टरों व अन्य हेल्थ केयर वर्कर्स के काम की सराहना से लेकर आत्मनिर्भर भारत और कोविड19 वैक्सीन तक का जिक्र किया. वहीं यह भी संदेश दिया कि भारत अपनी सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है.
संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय त्योहारों को, सभी देशवासी राष्ट्र-प्रेम की भावना के साथ मनाते हैं. गणतन्त्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भी, हम पूरे उत्साह के साथ मनाते हुए अपने राष्ट्रीय ध्वज और संविधान के प्रति सम्मान व आस्था व्यक्त करते हैं. संविधान की उद्देशिका में रेखांकित न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के जीवन-मूल्य हम सबके लिए पुनीत आदर्श हैं. यह उम्मीद की जाती है कि केवल शासन की जिम्मदेारी निभाने वाले लोग ही नहीं, बल्कि हम सभी सामान्य नागरिक भी इन आदर्शों का दृढ़ता व निष्ठापूर्वक पालन करें.
न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता हमारे जीवन-दर्शन के शाश्वत सिद्धांत हैं. इनका अनवरत प्रवाह, हमारी सभ्यता के शुरू से ही, हम सबके जीवन को समृद्ध करता रहा है. हर नई पीढ़ी का यह दायित्व है कि समय के अनुरूप, इन मूल्यों की सार्थकता स्थापित करे.
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमारे सभी किसान, जवान और वैज्ञानिक विशेष बधाई के पात्र हैं और कृतज्ञ राष्ट्र गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर इन सभी का अभिनंदन करता है. विपरीत प्राकृतिक परिस्थितियों, अनेक चुनौतियों और कोविड की आपदा के बावजूद हमारे किसान भाई-बहनों ने कृषि उत्पादन में कोई कमी नहीं आने दी. यह कृतज्ञ देश हमारे अन्नदाता किसानों के कल्याण के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध है. आगे कहा कि सियाचिन व गलवान घाटी में, माइनस 50 से 60 डिग्री तापमान में, सब कुछ जमा देने वाली सर्दी से लेकर, जैसलमेर में, 50 डिग्री सेन्टीग्रेड से ऊपर के तापमान में, झुलसा देने वाली गर्मी में, धरती, आकाश और विशाल तटीय क्षेत्रों में हमारे सेनानी भारत की सुरक्षा का दायित्व हर पल निभाते हैं. हमारे सैनिकों की बहादुरी, देशप्रेम और बलिदान पर हम सभी देशवासियों को गर्व है.
राष्ट्रपति ने कहा कि अन्तरिक्ष से लेकर खेत-खलिहानों तक, शिक्षण संस्थानों से लेकर अस्पतालों तक, वैज्ञानिक समुदाय ने हमारे जीवन और कामकाज को बेहतर बनाया है. दिन-रात परिश्रम करते हुए कोरोना-वायरस को डी-कोड करके और बहुत कम समय में ही वैक्सीन को विकसित करके, हमारे वैज्ञानिकों ने पूरी मानवता के कल्याण के लिए एक नया इतिहास रचा है.
हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स की सराहना
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड19 महामारी ने देश के लगभग डेढ़ लाख नागरिकों को अपनी चपेट में ले लिया. उन सभी के शोक संतप्त परिवारों के प्रति मैं अपनी संवेदना प्रकट करता हूं. मैं उन डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य-कर्मियों, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े प्रशासकों और सफाई-कर्मियों का उल्लेख करना चाहता हूं, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर पीड़ितों की देखभाल की है. बहुतों ने तो अपने प्राण भी गंवा दिए.
इस महामारी के कारण, हमारे बच्चों और युवा पीढ़ी की शिक्षा प्रक्रिया के बाधित होने का खतरा पैदा हो गया था. लेकिन हमारे संस्थानों और शिक्षकों ने नई टेक्नॉलॉजी को शीघ्रता से अपनाकर यह सुनिश्चित किया कि विद्यार्थियों की शिक्षा निरंतर चलती रहे.
इकोनॉमिक रिकवरी के पथ पर भारत
राष्टप्रति ने कहा कि हाल ही में दर्ज की गयी जीएसटी की रिकॉर्ड वृद्धि और विदेशी निवेश के लिए आकर्षक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का उभरना, तेजी से हो रही हमारी ‘इकोनॉमिक रिकवरी’ के सूचक हैं.
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2020 सीख देने वाला साल
संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे विचार में सन 2020 को सीख देने वाला वर्ष मानना चाहिए. पिछले वर्ष के दौरान प्रकृति ने बहुत कम समय में ही अपना स्वच्छ और निर्मल स्वरूप फिर से प्राप्त कर लिया था. ऐसा साफ-सुथरा प्राकृतिक सौंदर्य, बहुत समय के बाद देखने को मिला. मुझे विश्वास है कि भविष्य में इस तरह की महामारियों के खतरे को कम करने के उद्देश्य से, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को विश्व-स्तर पर प्राथमिकता दी जाएगी.
आत्मनिर्भर भारत अभियान का भी जिक्र
राष्ट्रपति ने कहा कि आपदा को अवसर में बदलते हुए प्रधानमंत्री ने ‘आत्म-निर्भर भारत अभियान’ का आह्वान किया. हमारा जीवंत लोकतंत्र, हमारे कर्मठ व प्रतिभावान देशवासी, विशेषकर हमारी युवा आबादी आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के हमारे प्रयासों को ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं. इस अभियान के तहत माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज को बढ़ावा देकर व स्टार्ट-अप इको सिस्टम को और अधिक मजबूत बनाकर आर्थिक विकास के साथ-साथ रोजगार उत्पन्न करने के भी कदम उठाए गए हैं. आत्म-निर्भर भारत अभियान एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा है.
देश के महत्वपूर्ण लक्ष्य
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि हर परिवार को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्का मकान दिलाने से लेकर, किसानों की आय को दोगुना करने तक, ऐसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों की तरफ बढ़ते हुए हम अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक पड़ाव तक पहुंचेंगे. नए भारत के समावेशी समाज का निर्माण करने के लिए हम शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषाहार, वंचित वर्गों के उत्थान और महिलाओं के कल्याण पर विशेष बल दे रहे हैं.
कृषि सुधारों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी जिक्र
राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी गति से आगे बढ़ रहे हमारे आर्थिक सुधारों के पूरक के रूप में, नए कानून बनाकर, कृषि और श्रम के क्षेत्रों में ऐसे सुधार किए गए हैं, जो लम्बे समय से अपेक्षित थे. शुरुआत में इन सुधारों के विषय में आशंकाएं उत्पन्न हो सकती हैं लेकिन किसानों के हित के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है. आगे कहा कि 2020 में घोषित ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में प्रौद्योगिकी के साथ-साथ परंपरा पर भी जोर दिया गया है. इसके द्वारा एक ऐसे नए भारत की आधारशिला रखी गई है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर ज्ञान-केंद्र के रूप में उभरने की आकांक्षा रखता है.
जरूर लगवाएं कोविड19 वैक्सीन
अपने संबोधन में राष्ट्रपति कोविंद ने देशवासियों से कोविड19 वैक्सीन लगवाने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि आत्म-निर्भर भारत ने, कोरोना-वायरस से बचाव के लिए अपनी खुद की वैक्सीन भी बना ली है. अब विशाल पैमाने पर टीकाकरण का जो अभियान चल रहा है, वह इतिहास में अपनी तरह का सबसे बड़ा प्रकल्प होगा. उन्होंने कहा कि मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि आप सब, दिशा-निर्देशों के अनुरूप अपने स्वास्थ्य के हित में इस वैक्सीन रूपी संजीवनी का लाभ अवश्य उठाएं और इसे जरूर लगवाएं. आपका स्वास्थ्य ही आपकी उन्नति के रास्ते खोलता है.
हम अनेक देशों के लोगों की पीड़ा को कम करने और महामारी पर काबू पाने के लिए, दवाएं व स्वास्थ्य-सेवा के अन्य उपकरण, विश्व के कोने-कोने में उपलब्ध कराते रहे हैं. अब हम वैक्सीन भी अन्य देशों को उपलब्ध करा रहे हैं.
राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम
राष्ट्रपति ने कहा कि हालांकि हम शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अटल हैं, फिर भी हमारी थल सेना, वायु सेना और नौसेना, हमारी सुरक्षा के विरुद्ध किसी भी दुस्साहस को विफल करने के लिए पूरी तैयारी के साथ तैनात हैं. भारत प्रत्येक परिस्थिति में, अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है.
राष्ट्रपति का संबोधन शाम सात बजे से आकाशवाणी (AIR) के समूचे राष्ट्रीय नेटवर्क पर और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर हिंदी व अंग्रेजी में प्रसारित किया गया. दूरदर्शन के सभी क्षेत्रीय चैनलों पर क्षेत्रीय भाषाओं में राष्ट्रपति का संबोधन प्रसारित किया गया. आकाशवाणी पर क्षेत्रीय भाषाओं में संबोधन का प्रसारण रात साढ़े नौ बजे से किया जाएगा.