/financial-express-hindi/media/post_banners/DpxomESmvGQGmbHkKRsE.jpg)
उन्होंने कहा कि इस मामले में रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ेगी. (Image: ANI)
/financial-express-hindi/media/post_attachments/sZrtf7Tc5WLPKRqvj58x.jpg)
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि आने वाले दिनों में रेट में कटौती का फायदा लोगों तक पहुंचने की गति में सुधार आएगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ेगी. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब अर्थव्यवस्था की वृद्धि को लेकर चिंताएं हैं. साथ ही मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ा है जबकि औद्योगिक उत्पादन में नरमी देखी गयी है. दास ने कहा कि नीतिगत दर में कटौती का फायदा नीचे तक नहीं पहुंच रहा है, वह इस बात से सहमति नहीं रखते हैं.
RBI ने रेपो रेट को बरकरार रखा था
दास ने यह भी कहा कि क्रेडिट ग्रोथ की गतिविधियों में गति आई है. केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने छह फरवरी को अपनी समीक्षा के बाद रेपो दर को 5.15 फीसदी पर बरकरार रखा था. यह उसने वैश्विक माहौल को देखते हुए और बढ़ती मुद्रास्फीति के संकेतों के बीच किया था. हालांकि बैंक ने अपने रुख को उदार बनाए रखने की घोषणा की थी जिसका मतलब वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए वह भविष्य में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है.
शक्तिकांत दास ने आरबीआई की बैठक के बाद कहा कि रेट में कटौती को आगे लोगों तक पहुंचाने में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी केंद्रीय बैंक के बोर्ड को संबोधित किया.
रिजर्व बैंक ने फरवरी में लगातार दूसरी बार नीतिगत दर को बरकरार रखा था. इससे पहले दिसंबर में भी उसने नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया था जबकि दिसंबर से पहले की पांच मौद्रिक समीक्षाओं में केंद्रीय बैंक ने कुल 1.35 फीसदी की कटौती की थी.
31 मार्च के बाद बेकार हो सकता है आपका PAN, आधार से करा लें लिंक
बजट प्रस्तावों का महंगाई पर असर नहीं: दास
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि बजट प्रस्तावों का महंगाई पर बहुत अधिक असर नहीं होगा क्योंकि सरकार राजकोषीय घाटे को सीमित करने की एफआरबीएम कानून में तय राह पर कमोबेश बनी हुई है. इस महीने की शुरुआत में पेश आम बजट में राजस्व संग्रह में कमी के चलते 2019-20 में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को बढ़ाकर जीडीपी का 3.8 फीसदी कर दिया गया था, जो इससे पहले 3.3 फीसदी था.
AGR फैसले पर शक्तिकांत दास ने क्या कहा ?
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाए को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश से बैकिंग क्षेत्र से जुड़ा कोई मुद्दा उठा तो केंद्रीय बैंक उस पर आंतरिक रूप से चर्चा करेगा. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अन्य दूरसंचार कंपनियों को चेतावनी दी है कि अगर वे न्यायालय के निर्देशानुसार समायोजित सकल आय (एजीआर) के 1.47 लाख करोड़ रुपये के आनुमानित बकाए को नहीं चुकाती हैं तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी. दास ने इस आदेश पर कोई खास टिप्पणी नहीं की, जिसका असर उन बैंकों पर हो सकता है, जिन्होंने वित्तीय रूप से कमजोर दूरसंचार कंपनियों को कर्ज दिया है.