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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गर्वनर शक्तिकांत दास ने शनिवार को 7वें एसबीआई बैंकिंग एंड इकोनॉमिक्स कॉन्कलेव को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड-19 पिछले 100 सालों में सबसे बुरा स्वास्थ्य और आर्थिक संकट है जिसके आउटपुट, नौकरी और लोगों की बेहतरी पर अप्रत्याशित नकारात्मक परिणाम होंगे. उन्होंने कहा कि इसने मौजूदा विश्व की व्यवस्था, वैश्विक वैल्यू चैन और दुनिया भर में श्रम और कैपिटल की मूवमेंट को कमजोर किया है.
रेपो रेट में कुल 135 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती: दास
RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी शायद हमारे आर्थिक और वित्तीय व्यवस्था की मजबूती की सबसे बड़ी परीक्षा है. दास ने बताया कि कोरोना को देखते हुए फरवरी 2019 से उन्होंने रेपो रेट में कुल 135 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है. यह मुख्य तौर पर ग्रोथ में सुस्ती से निपटने के लिए किया गया जो उस समय दिख रही थी और MPC रेजोल्यूशन में बड़े विस्तार से इस पर बात की गई है.
दास ने कहा कि इन कदमों का धीरे-धीरे आर्थिक कामों में बदलाव लाना था जब कोरोना वायरस के साथ आपदा, दुख, लोगों के जीवन और आजीविका पर खतरा आया था. उन्होंने कहा कि MPC ने फैसला किया है कि वह रेपो रेट में कुल मिलाकर 115 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती करेगा. इस तरह RBI ने फरवरी 2019 से कुल 250 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती का काम लिया है.
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आरबीआई के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता ग्रोथ: दास
उन्होंने कहा कि आरबीआई के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता ग्रोथ है. इसके साथ वित्तीय स्थिरता भी समान महत्वपूर्ण है. दास ने बताया कि मौजूदा संकट में आरबीआई ने वित्तीय व्यवस्था की रक्षा करने और अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके आगे दास ने कहा कि प्रतिबंधकों में रियायत मिलने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सामान्य स्थिति की ओर लौटने के संकेत मिलने लगे हैं.