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RBI मॉनिटरी पॉलिसी में नीतिगत दरों पर निर्णय करते समय खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों पर भी गौर करता है.
Retail Inflation November 2020: नवंबर में खुदरा महंगाई दर (CPI) नरम पड़कर 6.93 फीसदी पर आ गई. इससे पिछले महीने अक्टूबर में सीपीआई आधारित महंगाई दर 7.61 फीसदी पर रही थी. सांख्यिकीय मंत्रालय के अनुसार खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर अक्टूबर के 11 फीसदी के मुकाबले पिछले महीने घटकर 9.43 फीसदी पर आ गई. हालांकि सब्जियों की खुदरा महंगाई बनी हुई है. सब्जियों की खुदरा कीमतें 15.63 फीसदी की दर से बढ़ीं. देश के सभी राज्यों में खुदरा महंगाई दर 10 फीसदी से नीचे बनी हुई है. सबसे अधिक महंगाई दर पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में दर्ज की गई.
अनाज और उसके उत्पादों की श्रेणी में महंगाई दर नवंबर महीने में कम होकर 2.32 फीसदी रही जो इससे पिछले महीने 3.39 फीसदी थी. मांस और मछली खंड में खुदरा महंगाई नवंबर महीने में 16.67 फीसदी रही, जो इससे पिछले महीने में 18.7 फीसदी पर थी. सब्जियों की महंगाई दर नवंबर महीने में कम होकर 15.63 फीसदी रही जो इससे पूर्व माह में 22.51 फीसदी रही थी. फल और दूध व उसके उत्पादों की महंगाई दर भी अक्टूबर के मुकाबले कम हुई है. ईंधन और प्रकाश समूह में भी खुदरा महंगाई कम होकर नवंबर महीने में 1.9 फीसदी रही जो इससे पूर्व माह में 2.28 फीसदी थी.
प्रमुख ब्याज दरें तय करने में महंगाई का अहम रोल
रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी में नीतिगत दरों पर कोई भी निर्णय करते समय खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों पर भी गौर करता है. नवंबर के आंकड़ों का आने वाले आरबीआई पॉलिसी के फैसलों में अहम रोल हो सकता है. महंगाई दर अधिक होने का असर आम लोगों की आमदनी पर पड़ता है, भले ही अर्थव्यवस्था में तेजी का दौर हो. खुदरा महंगाई दर हालांकि अभी भी आरबीआई के तय अनुमान से अधिक है. आरबीआई ने महंगाई का लक्ष्य 4 फीसदी इसमें 2 फीसदी कम या ज्यादा का लक्ष्य निर्धारित किया है. बता दें, इस महीने आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी में अधिक महंगाई दर के चलते ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया.
थोक महंगाई 9 महीने के टॉप पर
दूसरी ओर, नवंबर 2020 में थोक महंगाई दर 9 महीने के टॉप पर दर्ज की गई. नवंबर में थोक महंगाई दर में मासिक आधार पर 1.55 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है. पिछले महीने थोक महंगाई दर 1.48 फीसदी थी. इस दौरान मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की कीमतों में ज्यादा इजाफा देखने को मिला है. WPI: थोक महंगाई 9 महीने में सबसे ज्यादा; खाने पीने की चीजों के दाम घटे, लेकिन ये हुए महंगे