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केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी का बयान, रोहिंग्या शरणार्थियों को मिलेंगे EWS फ्लैट, गृह मंत्रालय ने कहा-ऐसा कोई निर्देश नहीं

रोहिंग्या शरणार्थियों को EWS फ्लैट दिए जाने के बयान का खंडन करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि अवैध घुसपैठियों की मौजूदा बस्ती को डिटेंशन सेंटर घोषित करने का निर्देश दिल्ली सरकार को दिया गया है.

रोहिंग्या शरणार्थियों को EWS फ्लैट दिए जाने के बयान का खंडन करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि अवैध घुसपैठियों की मौजूदा बस्ती को डिटेंशन सेंटर घोषित करने का निर्देश दिल्ली सरकार को दिया गया है.

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FE Hindi Desk
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After Puri’s tweet, MHA clarifies: ‘No EWS flats to Rohingya refugees in Delhi’

गृह मंत्रालय के मुताबिक रोहिंग्या घुसपैठियों को डिपोर्ट किए जाने तक उन्हें मौजूदा जगह पर ही रखा जाएगा.

After Puri’s tweet, MHA clarifies: ‘No EWS flats to Rohingya refugees in Delhi’ : रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर केंद्र सरकार की नीति क्या है? मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री के ट्वीट ने इस सवाल को सुर्खियों में ला दिया. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार की सुबह सोशल मीडिया पर रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर अपनी सरकार की पीठ ठोकने वाले अंदाज़ में जो बयान जारी किया, गृह मंत्रालय को कुछ ही घंटे बाद उसका खंडन जारी करना पड़ा. केंद्र सरकार के दो मंत्रालयों के बीच तालमेल की कमी का संकेत देने वाला यह वाकया हैरान करने वाला है.

इस चौंकाने वाले घटनाक्रम की शुरुआत केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के उस ट्वीट से हुई जो उन्होंने बुधवार की सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर किया. इस ट्वीट में पुरी ने लिखा, “भारत ने देश में शरण मांगने वालों का हमेशा स्वागत किया है. एक ऐतिहासिक फैसले के तहत सभी रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बकरवाला इलाके में EWS फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा. उन्हें बुनियादी सुविधाएं, UNHCR के पहचान पत्र और चौबीस घंटे पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी.”

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हरदीप पुरी ने अपने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग भी किया था. उन्होंने इसी सिलसिले में किए गए अपने अगले ट्वीट में केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए लिखा, “जिन लोगों ने शरणार्थियों के बारे में भारत की नीति के बारे में गलत बातें फैलाने को अपना करियर बना लिया है और जानबूझकर इसे CAA से जोड़ते रहते हैं, उन्हें इससे निराशा होगी. भारत 1951 के संयुक्त राष्ट्र रिफ्यूजी कनवेन्शन का सम्मान करते हुए उसका पालन करता है और नस्ल, धर्म या जातीय आधार पर कोई भेदभाव किए बिना सभी को शरण देता है.”

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लेकिन हरदीप सिंह पुरी के इस ट्वीट के कुछ ही घंटे बाद गृह मंत्रालय ने इस मसले पर सरकार का बिलकुल अलग रुख पेश किया. गृह मंत्रालय ने दोपहर 2 बजकर 50 मिनट पर किए गए ट्वीट में लिखा : "अवैध रोहिंग्या विदेशी नागरिकों के बारे में मीडिया के कुछ हिस्सों में आई खबरों के बारे में यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय ने अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को नई दिल्ली के बक्करवाला में EWS फ्लैट मुहैया कराने का कोई निर्देश नहीं दिया है."

गृह मंत्रालय ने आगे यह भी लिखा कि "दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नई जगह पर शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया था. लेकिन गृह मंत्रालय ने उन्हें निर्देश दिया है कि अवैध रोहिंग्या विदेशियों को उनकी मौजूदा जगह पर ही रखा जाए, क्योंकि गृह मंत्रालय उन्हें डिपोर्ट करने के बारे में संबंधित देश से विदेश मंत्रालय के जरिए बात कर रहा है."

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आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना

रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में हरदीप पुरी के ट्वीट पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भले ही कुछ ही घंटे में सफाई दे दी हो, लेकिन अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को इसी दौरान मोदी सरकार पर तीखा हमला करने का मौका मिल गया. आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने हरदीप पुरी का ट्वीट सामने आने के कुछ ही देर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बीजेपी पर आरोपों की बौछार कर दी. आम आदमी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भारद्वाज के प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए बयान को शेयर करते हुए लिखा, "देश के ख़िलाफ़ BJP का सबसे बड़ा षड्यंत्र‼️ केंद्रीय मंत्री Hardeep Puri ने किया ट्वीट- Modi Govt Rohingya को EWS Flat में बसाएगी. सभी सुविधाओं समेत Police Protection देगी. हो सकता है अब ये Tweet Delete हो जाए. BJP पूरी तरह Exposed; ये देश की सुरक्षा को ख़तरा"


रोहिंग्या बस्ती को डिटेंशन सेंटर घोषित करे दिल्ली सरकार : गृह मंत्रालय

रोहिंग्या रिफ्यूजी दिल्ली के मदनपुर खादर और कालिंदी कुंज इलाके में पिछले एक दशक से रह रहे हैं. 2018 और 2021 में आग लगने से वे झुग्गियां या घर जल गए थे, जिनमें वे रह रहे थे. उसके बाद से वे दिल्ली राज्य सरकार की तरफ से मुहैया कराए गए तंबुओं में रह रहे हैं. गृह मंत्रालय का कहना है कि उसने दिल्ली राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वो रोहिंग्या शरणार्थियों की रिहाइश वाली मौजूदा जगह को डिटेन्शन सेंटर (detention center) घोषित करे. इस सिलसिले में किए गए एक ताजा ट्वीट में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है, “अवैध रोहिंग्या विदेशियों को उनके देश वापस भेजे जाने तक कानून के मुताबिक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने अब तक मौजूदा लोकेशन को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है. उन्हें फौरन ऐसा करने का निर्देश दिया गया है." गृह मंत्रालय के इस ट्वीट और आम आदमी पार्टी के हमलावर तेवरों से यही संकेत मिल रहे हैं कि रोहिंग्या के मुद्दे पर केंद्र सरकार और अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला अभी और बढ़ सकता है.

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