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Covid-19 RT-PCR टेस्ट के लिए सैंपल लेना होगा आसान, NEERI ने खोजा नया तरीका, नतीजे भी जल्दी मिलेंगे

CSIR-NEERI ने स्वैब कलेक्शन और आरटी-पीसीआर कोरोना वायरस टेस्ट के लिए इतना आसान तरीका ईजाद किया है कि मरीज खुद अपना सैंपल कलेक्ट कर सकता है.

CSIR-NEERI ने स्वैब कलेक्शन और आरटी-पीसीआर कोरोना वायरस टेस्ट के लिए इतना आसान तरीका ईजाद किया है कि मरीज खुद अपना सैंपल कलेक्ट कर सकता है.

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PTI
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RT-PCR test NEERI develops simple, fast method of swab collection and processing

जल्द ही कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लेना आसान हो जाएगा और नतीजे भी जल्दी मिलेंगे.

कोविड-19 के RT-PCR टेस्ट के लिए सैंपल लेना जल्द ही आसान हो जाएगा और नतीजे भी जल्दी मिलेंगे. नेशनल एनवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) ने स्वैब कलेक्शन और आरटी-पीसीआर कोरोना वायरस टेस्ट के लिए एक आसान और फास्ट मेथड डेवलप किया है. इस नए तरीके से सैंपल कलेक्शन इतना आसान हो जाएगा कि लोग यह काम खुद से कर पाएंगे, वो भी किसी खास ट्रेनिंग के बिना.

काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल (CSIR) के मुताबिक इस पेशेंटफ्रेंडली और कंफर्टेबल तरीके से टेस्ट की लागत भी कम आएगी. इसका इस्तेमाल गांवों और ट्राइबल एरियाज में भी किया जा सकता है, जहां कम से कम इंफ्रास्ट्रक्चर में भी कोरोना टेस्ट संभव हो जाएगा. नागपुर में स्थित नीरी सीएसआईआर की सहयोगी लैबोरेटरी है. नागपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने इस नए तरीके के इस्तेमाल को मंजूरी भी दे दी है और नीरी के इस तरीके से टेस्टिंग शुरू भी हो चुकी है.

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मरीज खुद कलेक्ट कर सकता है अपना सैंपल

नीरी के एनवॉयरमेंटर वॉयरोलॉजी सेल के सीनियर साइंटिस्ट कृष्णा खैरनार के मुताबिक स्वैब कलेक्शन के मौजूदा  तरीके में समय लगता है. इसके अलावा इस तरीके में मरीजों को थोड़ी असुविधा भी होती है. कभी-कभी कलेक्शन सेंटर तक लाते-लाते सैंपल बीच में ही खराब होने का खतरा भी रहता है. लेकिन Saline Gargle के तरीके से कलेक्ट किया सैंपल RT-PCR टेस्ट का परिणाम फौरन ही दे सकता है और यह कंफर्टेबल भी है. इस तरीके से कोरोना टेस्ट करनें में सैंपलिंग तुरंत होती है और रिजल्ट भी तीन घंटे के भीतर मिल जाता है. खैरनार के मुताबिक यह तरीका इतना आसान है कि मरीज खुद अपना सैंपल कलेक्ट कर सकता है.

इतना आसान है इस तरीके से टेस्टिंग

Nasopharyngeal और Oropharyngeal स्वैब कलेक्श में तकनीकी ज्ञान की जरूरत होती है और इसमें समय भी लगता है. इसकी तुलना में सैलाइन गार्गल मेथड में एक सैलाइन सॉल्यूशन वाली कलेक्शन ट्यूब का प्रयोग किया जाता है. मरीज इस सॉल्यूशन से गार्गल करता है और फिर इसे ट्यूब में भरता है. जिसके बाद इस सैंपल को लैबोरेटरी ले जाया जाता है. वहां इसे नीरी द्वारा तैयार एक स्पेशल बफर सॉल्यूशन में कमरे के तापमान पर रखा जाता है. इस सॉल्यूशन को गर्म करने पर एक आरएनए टेप्लेंट बनता है जिसका आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीनेरज चेन रिएक्शन) प्रॉसेस किया जाता है. नीरी के मुताबिक यह पूरी प्रक्रिया किफायती होने के साथ ही साथ इकोफ्रेंडली भी है, क्योंकि इसमें बहुत कम कचरा निकलता है.