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मतदाताओं को आधार डिटेल्स साझा करना अनिवार्य नहीं होगा लेकिन जो नहीं दे रहे हैं, उन्हें इसकी वाजिब वजह बतानी होगी.
आधार से इलेक्टोरल रोल्स को जल्द ही लिंक करने का नियम आ सकता है. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्र के मुताबिक सरकार जल्द ही इससे जुड़े नियम ला सकती है. मतदाताओं को आधार डिटेल्स साझा करना अनिवार्य नहीं होगा लेकिन जो नहीं दे रहे हैं, उन्हें इसकी वाजिब वजह बतानी होगी. इलेक्टोरल रोल मतदाताओं की एक लिस्ट है जिन्हें किसी चुनाव में वोट देने के लिए योग्य समझा जाता है.
बता दें कि चंद्र का कार्यकाल आज (14 मई) खत्म हो रहा और उनकी जगह राजीव कुमार देश के नए चीफ इलेक्शन कमिश्नर होंगे. जब चंद्र से पूछा गया कि नए नियम कब सरकार अधिसूचित करेगी तो उनका जवाब था कि बहुत जल्द क्योंकि इससे जुड़ा ड्राफ्ट प्रपोजल भेजा चुका है. इसके अलावा फॉर्म भी भेज दिए हैं जिसे बदला जाना है और ये कानून मंत्रालय के पास है.
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दो अहम चुनावी रिफॉर्म पर फैसला
न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि उनके सीईसी कार्यकाल में दो अहम चुनावी सुधार हुए हैं जिसमें एक 18 साल की उम्र में वोटर के तौर पर इनरोल होने के लिए एक बार की बजाय चार दिन का प्रावधान. पहले 1 जनवरी कट ऑफ डेट थी लेकिन सरकार के सहयोग से इसमें सुधार किया गया और अब किसी साल ऐसी चार डेट होगी. पहले एक जनवरी के बाद 18 वर्ष का होने पर लोगों को अगले साल तक मतदाता सूची में आने के लिए इंतजार करना होता था. चंद्र के मुताबिक यह रिफॉर्म पिछले 20 साल से पेंडिंग था. इसके अलावा इलेक्टोरेल रोल्स को आधार से जोड़ना भी अहम सुधार है जिससे जुड़े नियम जल्द जारी होंगे. आधार से इलेक्टोरल रोल्स को जोड़ने पर वोटर लिस्ट में एक ही नाम कई बार नहीं आ पाएगा.
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आधार लिंक होने से वोटर्स को मिलेगी ये सर्विसेज
आधार की डिटेल्स साझा करना वालंटरी होगा लेकिन क्यों साझा नहीं कर रहे, इसकी वजह बतानी होगी. चंद्र के मुताबिक इसमें वजह ये हो सकती है कि आधार बना नहीं है या इसके लिए अप्लाई नहीं किया है इत्यादि. आधार से इलेक्टोरल रोल्स लिंक होने के बाद को वोटर लिस्ट सुधारने में मदद मिलेगी और पोल पैनल मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं भी दे सकेगी जैसे कि उन्हें फोन नंबर पर इलेक्शन की डेट और बूथ डिटेल्स जैसी अहम जानकारियां भेजी जा सकेगी.