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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान करते हुए एमएसपी से जुड़ी किसानों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक कमेटी बनाने का वादा किया था.
Samyukta Kisan Morcha (SKM) rejects MSP Panel, will not join it's meeting : संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं ने केंद्र सरकार की बनाई एमएसपी कमेटी को एक 'दिखावा' (farce) बताते हुए खारिज कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने एमएसपी कमेटी की 22 अगस्त को प्रस्तावित बैठक में शामिल होने से भी इनकार कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा 40 किसान संगठनों का वही साझा फोरम है, जो पिछले साल तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन की अगुवाई कर रहा था.
एसकेएम के नेताओं का कहना है कि सरकार ने एमएसपी के मुद्दे पर विचार करने के लिए जो कमेटी बनाई है, वे उसे 'किसान विरोधी' मानते हैं, जिसके साथ मीटिंग करने से कोई ठोस रास्ता निकलने की उम्मीद नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि इन हालात में कमेटी की अगले सप्ताह बुलाई जा रही बैठक में उनके शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है.
SKM के नेता हन्नान मोल्लाह ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा, "हमने सरकारी कमेटी को पहले ही ठुकरा दिया है और उसके साथ वार्ता न करने की बात भी हम साफ कर चुके हैं. लिहाजा आगामी बैठक में शामिल होने का सवाल ही नहीं है." मोल्लाह ने पीटीआई से कहा कि सरकार ने अपने पैनल में कुछ ऐसे कथित किसान नेताओं को शामिल किया है, जिनका दिल्ली की सीमाओं पर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हुए हमारे आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने कहा कि किसान संगठन एक साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाएंगे और यह भी तय करेंगे कि कृषि कानूनों के खिलाफ भविष्य में प्रदर्शन किस तरह किए जाएं.
एसकेएम के एक और प्रमुख किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसान संगठन 2021 में यूपी के लखीमपुर में किसानों को कुचले जाने की घटना के विरोध में 75 घंटे का प्रदर्शन करने जा रहे हैं और उसके बाद ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गठित कमेटी किसान विरोधी है, जिसके साथ वे किसी तरह का सहयोग नहीं करेंगे. दर्शन पाल ने कहा कि सरकार पिछले साल किए गए अपने वादे से मुकर रही है, लिहाजा हमारा विरोध जारी रहेगा. उन्होंने पिछले साल कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने और आंदोलन में शामिल किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग भी फिर से दोहराई.
22 अगस्त को सुबह 10.30 बजे होनी है बैठक
केंद्र सरकार ने एमएसपी पैनल की पहली बैठक 22 अगस्त को सुबह 10.30 बजे दिल्ली के नेशनल एग्रीकल्चर साइंस कॉम्प्लेक्स (NASC) में बुलाई है, ऐसा पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से दी गई अपनी खबर में बताया है. इस बैठक में सदस्यों का परिचय कराए जाने के अलावा भविष्य की रणनीति पर विचार किए जाने की उम्मीद है. इसके साथ ही बैठक में एमएसपी के मुद्दे से जुड़ी बारीकियों पर विचार के लिए कई सब-पैनल यानी उप-समितियां बनाए जाने की भी संभावना है. केंद्र सरकार चाहती है कि किसान मोर्चा के सदस्य भी इस कमेटी की बैठक में शामिल हों. सरकार इसके लिए किसान नेताओं को मनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन SKM ने सरकार की पेशकश को ठुकराकर उसकी कोशिशों पर पानी फेर दिया है.
पीएम मोदी ने किया था कमेटी बनाने का वादा
पिछले साल नवंबर में तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से वादा किया था कि फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देने की उनकी मांग पर विचार करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा. इसी के तहत 18 जुलाई 2022 को पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में 26 सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया गया है. इस समिति को एमएसपी को ज्यादा प्रभावी और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ ‘जीरो बजट खेती’ और देश की जरूरतों के मुताबिक फसलों के पैटर्न में बदलाव के मुद्दों पर विचार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.
कौन हैं कमेटी मौजूदा सदस्य
इस कमेटी में चेयरमैन संजय अग्रवाल को मिलाकर कुल 26 सदस्य बनाए जा चुके हैं, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के लिए 3 जगहें खाली रखी गई हैं. समिति के मौजूदा सदस्यों में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इकनॉमिक डेवलपमेंट के कृषि वैज्ञानिक सीएससी शेखर, आईआईएम अहमदाबाद के सुखपाल सिंह और कृषि लागत एवं कीमत आयोग (CACP) के सदस्य नवीन पी सिंह शामिल हैं. इनके अलावा समिति में किसानों के प्रतिनिधियों के तौर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किसान भारत भूषण त्यागी और अन्य किसान संगठनों के 5 सदस्य शामिल हैं. इनके अलावा IFFCO के चेयरमैन दिलीप संघाणी और CNRI के जनरल सेक्रेटरी बिनोद आनंद भी कमेटी में रखे गए हैं. कृषि विश्वविद्यालयों के कुछ वरिष्ठ सदस्यों, केंद्र सरकार के 5 सचिवों और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम व ओडिशा के मुख्य सचिवों को भी सरकार ने इस एमएसपी कमेटी में शामिल किया है.