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In April-June, the Indian economy contracted by a record 23.9 per cent, but dramatically improved to -7.5 per cent in the second quarter.
GDP Growth Expectations: घरेलू अर्थव्यवस्था में रिकवरी जारी है. तेज सुधार को देखते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने जीडीपी में अपने ग्रोथ के अनुमान में सुधार किया है. एसबीआई की एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर सुधार के चलते वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ रेट के निगेटिव 7.4 फीसदी रहने का अनुमान है. एसबीआई ने अपने पहले की रिपोर्ट में जीडीपी में ग्रोथ रेट निगेटिव 10.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. हालांकि रिपोर्ट में यह साफ है कि अभी जीडीपी के प्री कोविड लेवल तक पहुंचने में लंबा वक्त लगेगा.
प्री कोविड लेवल तक आने में लंबा वक्त
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि जीडीपी के कोरोना वायरस महामारी से पूर्व के स्तर पर दोबारा पहुंचने में वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही से भी 7 तिमाहियों का वक्त लगेगा. एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही के बाद आरबीआई और बाजारों के संशोधित पूर्वानुमानों के बाद अब हम उम्मीद करते हैं कि पूरे वर्ष (वित्त वर्ष 2020-21) के लिए जीडीपी में गिरावट पहले के अनुमान निगेटिव 10.9 फीसदी की तुलना में 7.4 फीसदी रहेगी.
‘नाउकास्टिंग मॉडल’ पर अनुमान
रिपोर्ट में कहा गया कि संशोधित जीडीपी अनुमान एसबीआई के ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ पर आधारित है. जिसमें औद्योगिक गतिविधियों, सेवा गतिविधियों और वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े 41 हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर्स शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि इस मॉडल के आधार पर तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 0.1 फीसदी के करीब रह सकती है. इसमें कहा गया कि तीसरी तिमाही में 41 हाई फ्रीक्वेंसी वाले लीडिंग इंडीकेटर्स 58 फीसदी तेजी दिखा रहे हैं.
ग्रोथ आउटलुक में सुधार
एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ग्रोथ आउटलुक में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सरकारी व्यय में 3.62 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है. यह पहली तिमाही में 4.86 लाख करोड़ रुपये थी. रिपोर्ट के अनुसार हम मानते हैं कि सरकार द्वारा फिस्कल एक्सपेंडिचर का एक बड़ा हिस्सा इनडायरेक्ट है और बैलेंस शीट आइटम बंद हैं. इससे हमें उम्मीद है कि सरकार चौथी तिमाही में विकास को फिर से दियाा देने के लिए खर्च करने में सक्षम होगी.