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इन बच्चों को हर महीने पढ़ाई के लिए राज्य देंगे 2000 रुपये, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया निर्देश

देश की सबसे बड़ी अदालत ने मंगलवार को सभी राज्यों के लिए इससे जुड़ा आदेश जारी किया है.

देश की सबसे बड़ी अदालत ने मंगलवार को सभी राज्यों के लिए इससे जुड़ा आदेश जारी किया है.

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PTI
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SC askED states to give Rs 2 THOUSAND per month for education of children from CHILD CARE institutions now with their families

सुओ मोटू केस की सुनवाई पर कोर्ट का यह फैसला आया है.

चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन (CCI) के जो बच्चे अब कोरोना महामारी के कारण अपने परिवार के साथ रह रहे हैं, उन्हें शिक्षा के लिए 2,000 रुपये हर महीने दिए जाएंगे. देश की सबसे बड़ी अदालत ने मंगलवार को सभी राज्यों के लिए इससे जुड़ा आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के मुताबिक अब सीसीआई के हर बच्चे को शिक्षा के लिए हर महीने दो हजार रुपये मिलेंगे. इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से सीसीआई को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं जैसेकि किताबें और स्टेशनरी. कोर्ट ने यह निर्देश सीसीआई में रह रहे बच्चों की ऑनलाइन क्लासेज के लिए डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट्स के रिकमंडेशन पर 30 दिनों के भीतर उपलब्ध कराना है.

जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता में एक बेंच ने राज्यों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि सीसीआई के सभी बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी शिक्षक उपलब्ध रहें. बेंच में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस अजय रस्तोगी भी थे.

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आधे से अधिक बच्चे अपने परिवार या अभिभावकों के साथ

कोरोना महामारी की शुरुआत में सीसीआई में 2,27,518 बच्चे थे और 1,45,788 बच्चे अब अपने परिवार या अभिभावकों के साथ हैं. अब ऐसे बच्चों को राज्य हर महीने 2 हजार रुपये देगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक यह राशि बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट के रिकमंडेशन पर दिया जाना है.

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डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट्स रखेगा नजर

अपने परिवार के साथ रह रहे बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने की महत्ता को समझते हुए बेंच ने निर्देश दिया है कि डिस्ट्रिक्ट चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट्स कोऑर्डिनेट करेगा और पूरी प्रगति पर नजर रखेगा. इसके अलावा ये यूनिट्स डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को भी पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगा कि बच्चों की शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर कितनी प्रगति हुई है.

स्वत: संज्ञान की सुनवाई पर कोर्ट का फैसला

कोर्ट ने कहा है कि शिक्षकों को इस बात की मंजूरी दी जानी चाहिए कि वे बच्चों को पढ़ा सकें क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान बच्चों के पास कक्षाएं अटेंड करने का कोई साधन नहीं था. बेंच ने यह ऑर्डर एक सुओ मोटू केस की सुनवाई पर दिया है. यह केस देश भर में प्रोटेक्शन, जुवेनाइल और फोस्टर या किनशिप (रिश्तेदारी) होम्स में रह रहे हैं, उनकी कंडीशन पर सुनवाई को लेकर किया गया था.

Supreme Court