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Supreme Court Order: नोएडा में गिराए जाएंगे सुपरटेक के दो टावर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन महीने में करना है अमल

Supreme Court Decision: सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के दो टॉवरों को गिराने का आदेश दिया है.

Supreme Court Decision: सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के दो टॉवरों को गिराने का आदेश दिया है.

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PTI
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The two 40-floor towers to be demolished has a total of 915 apartments and 21 shops, of which 633 flats were booked by homebuyers. The Emerald Court House has 15 other towers, fully built with residents living here.

The two 40-floor towers to be demolished has a total of 915 apartments and 21 shops, of which 633 flats were booked by homebuyers. The Emerald Court House has 15 other towers, fully built with residents living here.

सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के दो टॉवर गिराने का आदेश दिया है. आज 31 अगस्त को सुनाए गए इस आदेश के तहत सुपरटेक के एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 40 मंजिल ऊंचे दो टॉवरों को गिराने का फैसला सुनाया है. कोर्ट ने यह फैसला कानून का उल्लंघन कर इन टॉवरों को बनाए जाने के कारण लिया है. कोर्ट के फैसले के मुताबिक इसे तीन महीने के भीतर गिराया जाएगा और नोएडा अथॉरिटी इसकी निगरानी करेगी. कोर्ट ने खरीदारों के पैसे 12 फीसदी ब्याज सहित वापस करने का फैसला भी सुनाया है. कोर्ट का कहना है कि इन टॉवरों में 915 फ्लैट्स व दुकानें नोएडा अथॉरिटी की मिलीभगत से बनाए गए हैं.

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12 फीसदी ब्याज के साथ मिलेगा घर खरीदारों को पैसा वापस

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक घर खरीदारों को पैसा वापस मिलेगा. कोर्ट ने आदेश दिया है कि जिस दिन से बुकिंग हुई है, उस दिन से घर खरीदारों के पैसे पर 12 फीसदी ब्याज का कैलकुलेशन होगा और इसे उन्हें देना होगा. इसके अलावा ट्विन टॉवर्स के निर्माण के चलते रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को जो प्रताड़ना झेलनी पड़ी है, उसके लिए सुपरटेक को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा देना होगा.

अथॉरिटी की मिलीभगत से कंस्ट्रक्शन पर कोर्ट सख्त

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 11 फरवरी 2014 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्विन टॉवर्स को गिराए जाने का जो फैसला सुनाया था, उसमें किसी भी बदलाव की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इन टॉवर्स का निर्माण नोएडा अथॉरिटी से मिलीभगत में हुआ है. अब इन अवैध टॉवरों को तीन महीने के भीतर नोएडा अथॉरिटी व एक एक्सपर्ट एजेंसी की निगरानी में गिराया जाएगा और इसकी पूरी लागत सुपरटेक को चुकानी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने हाल-फिलहाल में मेट्रो क्षेत्रों में अथॉरिटीज की मिलीभगत से अनऑथराइज्ड निर्माण हो रहे हैं जिससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए.

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