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दिल्ली के पूर्व मंत्री और AAP नेता सत्येंद्र जैन लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए हैं. (Photo : Twitter/@AamAadmiParty)
SC grants interim bail to Satyendar Jain on medical grounds : दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट ने 6 हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने उन्हें यह राहत खराब सेहत को ध्यान में रखते हुए दी है. दिल्ली के पूर्व मंत्री मनी लॉन्डरिंग से जुड़े मामले में आरोपी हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें PMLA के तहत पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. इससे पहले उनकी जमानत की अर्जियां कई बार खारिज हो चुकी हैं.
काफी दिनों से बीमार हैं सत्येंद्र जैन
काफी दिनों से बीमार चल रहे सत्येंद्र जैन हाल ही में जेल के भीतर गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिए अपने आदेश में सत्येंद्र जैन को 11 जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत कई शर्तों के साथ दी है. अंतरिम जमानत के दौरान सत्येंद्र जैन को अपनी मर्जी के अस्पताल में इलाज कराने की छूट होगी. लेकिन उन्हें अपने स्वास्थ्य और इलाज से जुड़े सभी मेडिकल दस्तावेज कोर्ट को उपलब्ध कराने होंगे. जमानत पर बाहर रहने के दौरान सत्येंद्र जैन को बिना इजाजत दिल्ली से बाहर जाने की छूट नहीं होगी. साथ ही उन्हें मीडिया से बात नहीं करने की हिदायत भी दी गई है. सत्येंद्र जैन के वकील कोर्ट में कह चुके हैं कि जेल में रहने के दौरान उनके मुवक्किल का वजन 35 किलो घट चुका है, जिसके चलते वे हड्डियों का ढांचा बनकर रह गए हैं.
11 जुलाई तक प्रभावी है अंतरिम जमानत का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस केजे माहेश्वरी और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने अंतरिम जमानत देते समय साफ किया कि सत्येंद्र जैन को यह राहत सिर्फ मेडिकल आधार पर दी गई है. साथ ही कोर्ट ने जैन को यह हिदायत भी दी है कि वे अपने खिलाफ चल रहे केस के गवाहों को किसी भी तरह से प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अंतरिम जमानत का आदेश 11 जुलाई तक प्रभावी रहेगा और इस मामले में अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.
AIIMS या RML के डॉक्टर करें जैन की जांच : ED
सत्येंद्र जैन को खराब सेहत की वजह से अंतरिम जमानत दिए जाने की अर्जी वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पेश की. जबकि ईडी की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि जैन की जांच AIIMS या राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों के पैनल से कराई जानी चाहिए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को ध्यान दिलाया कि सत्येंद्र जैन दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं और इस हैसियत से दिल्ली सरकार के तमाम अस्पताल उनके मातहत रहे हैं.
सत्येंद्र जैन पर क्या है आरोप?
सत्येंद्र जैन के खिलाफ ईडी का केस सीबीआई की शिकायत पर आधारित है, जिसमें दिल्ली के पूर्व मंत्री पर 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 के दौरान अलग-अलग लोगों के नाम पर संपत्तियां हासिल करने का आरोप लगाया गया है. सीबीआई का आरोप है कि सत्येंद्र जैन इस बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके हैं.