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SC on ED Director Extension: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के डायरेक्टर एसके मिश्रा को तीसरी बार सेवा विस्तार देने के मोदी सरकार के फैसले को गैर-कानूनी करार दिया है. कोर्ट ने यह फैसला कई विपक्षी नेताओं की याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया है. (File Photo : ANI)
SC holds third extension of ED director SK Mishra as illegal : प्रवर्तन निदेशालय (ED) के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने के मामले में मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने के सरकार के फैसले को गैर-कानूनी करार दिया है. इसके साथ ही अदालत ने उनके कार्यकाल को घटाकर 31 जुलाई 2023 तक कर दिया है. जबकि सरकार ने तीसरी बार सेवा विस्तार देकर एस के मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था.
कई विपक्षी नेताओं ने दी थी सेवा विस्तार को चुनौती
सुप्रीम कोर्ट ने अपना यह महत्वपूर्ण आदेश ईडी डायरेक्टर का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने के खिलाफ दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया है. अदालत में ये याचिकाएं कांग्रेस नेता जया ठाकुर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, टीएमसी सांसद मोहुआ मित्रा और टीएमसी नेता साकेत गोखले की तरफ से दायर की गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की सुनवाई पूरी करने के बाद 8 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले अदालत ने पिछले साल 12 दिसंबर को केंद्र सरकार, केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) और ईडी डायरेक्टर को नोटिस जारी करके जवाब तलब भी किया था. एस के मिश्रा के सेवा विस्तार के खिलाफ दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ एनफोर्समेंट एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करके लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को बर्बाद कर रही है.
2018 में पहली बार ED डायरेक्टर बने थे मिश्रा
एसके मिश्रा इंडियन रेवेन्यू सर्विस के (IRS) के 1984 बैच के अधिकारी हैं, जिनका कार्यकाल सरकार की तरफ जारी अधिसूचना के अनुसार 18 नवंबर, 2023 तक निर्धारित था. दरअसल, मोदी सरकार ने 62 साल के एसके मिश्रा को पहली बार 19 नवंबर, 2018 को दो साल के लिए ईडी का निदेशक नियुक्त किया था. इसके बाद सरकार ने 13 नवंबर 2020 को आदेश जारी करके उनके नियुक्ति पत्र में पिछली तारीख से संशोधित किया और उनका दो साल का कार्यकाल बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया. उन्हें तीसरा सेवा विस्तार पिछले साल नवंबर में दिया गया, जब सरकार ने रिटायरमेंट से एक दिन पहले उनका कार्यकाल बढ़ाकर 18 नवंबर 2023 तक कर दिया. ऐसा करने के लिए मोदी सरकार ने पिछले साल एक अध्यादेश भी जारी किया, जिसके तहत ईडी और सीबीआई के प्रमुखों को दो साल का अनिवार्य कार्यकाल पूरा होन के बाद और 3 साल का सेवा विस्तार देने का प्रावधान किया गया है.
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सेवा विस्तार गैरकानूनी लेकिन संशोधन को मंजूरी
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने मिश्रा के तीसरे सेवा-विस्तार को भले ही गैरकानूनी करार दिया, लेकिन उन्होंने अपने फैसले में सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट और दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैबलिशमेंट एक्ट में किए गए उन संशोधनों को मंजूरी दे दी, जिनके जरिए ईडी डायरेक्टर के कार्यकाल को बढ़ाकर अधिकतम 5 साल करने का प्रावधान किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने एसके मिश्रा का कार्यकाल 31 जुलाई तक बरकरार रखने का आदेश भी इसलिए दिया है, ताकि वे अगले ईडी प्रमुख को कार्यभार सौंप सकें और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) द्वारा की जा रही समीक्षा के काम में भी कोई अड़चन न आए.