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SEBI ने अडानी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांगा 6 महीने का और वक्त, कांग्रेस ने कहा- उम्मीद है समयसीमा बढ़ाने का आग्रह 'घोटाले' को दबाने का प्रयास नहीं

सुप्रीम कोर्ट की समिति ने अडाणी ग्रुप की स्टॉक बाजार की लेनदेन की जांच का आदेश दिया तो सेबी ने भी जांच पूरी करने के लिए समयसीमा 6 महीने बढ़ाने के लिए कह दिया. कांग्रेस ने कहा कि याद रखने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति का दायरा सीमित है.

सुप्रीम कोर्ट की समिति ने अडाणी ग्रुप की स्टॉक बाजार की लेनदेन की जांच का आदेश दिया तो सेबी ने भी जांच पूरी करने के लिए समयसीमा 6 महीने बढ़ाने के लिए कह दिया. कांग्रेस ने कहा कि याद रखने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति का दायरा सीमित है.

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FE Hindi Desk
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मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अडाणी ग्रुप द्वारा शेयरों की कीमत में हेराफेरी और रेगुलेटरी डिसक्लोजर (नियामक प्रकटीकरण) में चूक के आरोपों की जांच पूरी करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) द्वारा अडाणी ग्रुप से जुड़े मामले की जांच की समयसीमा 6 महीने बढ़ाने के मकसद से सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के बाद शनिवार को कांग्रेस ने कहा कि उसे उम्मीद है कि यह कदम 'घोटाले' को दबाने का प्रयास नहीं है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि सुप्रीम कोर्ट की समिति ने जब अडाणी ग्रुप की स्टॉक बाजार की लेनदेन की जांच का आदेश दिया तो इसके बाद सेबी ने भी जांच पूरी करने के लिए समयसीमा 6 महीने बढ़ाने के लिए कह दिया.

सुप्रीम कोर्ट की समिति का दायरा सीमित: जयराम रमेश

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह याद रखने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति का दायरा सीमित है. वह 'एनटायर पॉलिटिकल साइंस ' कारोबारी समूह के व्यावसायिक आचरण की जांच नहीं कर सकती. उसकी जांच जेपीसी से हो सकती है. जयराम रमेश ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि सेबी की ओर से किया गया यह आग्रह इस घोटाले को हमेशा के लिए दबाने या फिर इससे जुड़ी चर्चा को खत्म करने का प्रयास नहीं है. रमेश के मुताबिक सेबी प्रमुख ने समिति को बताया था कि अडाणी ग्रुप का मामला गंभीर विषय है. उन्होंने कहा कि इस मामले की महत्वपूर्ण विषय के तौर पर जांच करने की जरूरत है.

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सेबी ने अडाणी ग्रुप से जुड़े मामले की जांच के लिए मांगा वक्त

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने अडाणी ग्रुप द्वारा शेयरों की कीमत में हेराफेरी और रेगुलेटरी डिसक्लोजर (नियामक प्रकटीकरण) में चूक के आरोपों की जांच पूरी करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. देश की सबसे बड़ी अदालत से सेबी ने अडाणी ग्रुप से जुड़े मामले की जांच की समयसीमा 6 महीने बढ़ाने का अनुरोध किया है. शीर्ष अदालत ने 2 मार्च को सेबी से कहा था कि वह 2 महीने के भीतर मामले की जांच पूरी करे. इसके साथ ही न्यायालय ने भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए एक समिति का गठन भी किया था.


अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप पर हेराफेरी से शेयरों की कीमत बढ़ाने का आरोप लगाया था. ग्रुप ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है. न्यायालय के समक्ष दायर एक आवेदन में सेबी ने कहा कि वित्तीय गलत बयानी, विनियमों की धोखाधड़ी और या लेनदेन की धोखाधड़ी से संबंधित संभावित उल्लंघनों का पता लगाने की कार्रवाई को पूरा करने में छह और महीने लगेंगे.

Sebi Adani Group Hindenburg