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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुजुर्गों को ट्रेन किराए में मिलने वाली छूट की बहाली के बारे में पूछे जाने पर रेलवे के खर्चों का ब्योरा गिना दिया. (Screenshot : SANSAD TV - LOK SABHA Youtube Channel)
Rail Concession for Senior Citizens: बुजुर्ग नागरिकों को रेल यात्रा के दौरान किराए में मिलने वाला जो कन्सेशन कोविड महामारी के दौरान बंद कर दिया गया था, उसे फिर से शुरू किए जाने के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बुधवार को संसद में दिए बयान से ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं. रेल मंत्री ने इस बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कन्सेशन फिर से शुरू करने का कोई आश्वासन देने की बजाय जिस अंदाज में रेलवे के भारी-भरकम खर्चे गिनाए, उससे तो यही लगता है.
सांसद के सवाल पूछने पर क्या बोले रेल मंत्री?
लोकसभा में महाराष्ट्र के निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने रेल मंत्री से पूछा कि वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराए में मिलने वाला कन्सेशन फिर से कब बहाल किया जाएगा? बुजुर्गों को मिलने वाला यह कन्सेशन कोविड 19 महामारी के दौरान बंद किया जा चुका है. उस वक्त इसे तात्कालिक तौर पर उठाया गया कदम माना जा रहा था. उम्मीद थी कि हालात सामान्य होने पर इसे फिर से बहाल कर दिया जाएगा. लेकिन ऐसा अब तक नहीं हुआ है. लेकिन सांसद के इस सवाल का रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. इसकी बजाय वे यह गिनाने में लग गए कि भारतीय रेलवे पर अभी खर्चों का कितना भारी बोझ है.
सबको देखना चाहिए रेलवे की मौजूदा स्थिति क्या है : रेल मंत्री
अश्विनी वैष्णव ने नवनीत राणा के सवाल के जवाब में कहा कि रेलवे ने पिछले साल यात्री सेवाओं पर 59 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है, जो काफी बड़ी रकम है. उन्होंने कहा कि ये आंकड़ा कई राज्यों के सालाना बजट से भी ज्यादा है. इसके बाद उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे को हर साल सैलरी बिल के मद में 97 हजार करोड़ रुपये और पेन्शन बिल पर 60 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. इन सबके अलावा रेलवे 40 हजार करोड़ रुपये सिर्फ फ्यूल खरीदने पर खर्च करता है. उन्होंने कहा, "पिछले साल हमने 59 हजार करोड़ रुपये पैसेंजर सब्सिडी दी है. नई सुविधाएं लाई जा रही हैं. अगर नए फैसले लेने होंगे तो हम लेंगे. लेकिन फिलहाल तो सभी लोगों को यह देखना चाहिए कि रेलवे की हालत क्या है."
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अयोध्या को देश के हर कोने से जोड़ेंगे : रेल मंत्री
रेल मंत्री ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद अयोध्या को ट्रेनों के जरिए देश के हर कोने से जोड़ने की योजना तैयार कर ली गई है. उन्होंने कहा कि देश के 41 प्रमुख रेलवे स्टेशनों के री-डेवलपमेंट का काम जारी है, जिसके बाद बाकी स्टेशनों का विकास भी चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा.
हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों पर काम जारी : रेल मंत्री
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हमने 2030 तक रेलवे को पूरी तरह प्रदूषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है और इसे हासिल करने के लिए काम भी हो रहा है. रेल मंत्री ने बताया कि इसके लिए हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें विकसित करने का काम भी किया जा रहा है, जिसके लिए डिजाइनिंग और डेवलपमेंट से लेकर निर्माण तक का सारा काम भारतीय इंजीनियर ही करेंगे.
लंबी दूरी तक चलाई जाएंगी वंदे भारत ट्रेनें : रेल मंत्री
एक अन्य सवाल के जवाब में रेल मंत्री ने कहा कि फिलहाल वंदे भारत ट्रेनों को सिटिंग कैपेसिटी के साथ 500 से 550 किलोमीटर की दूरी तक चलाया जा रहा है. एक बार जब वंदे भारत को स्लीपिंग फैसिलिटी के साथ चलाया जाने लगेगा तो ज्यादा दूरी की ट्रेनें भी चलाई जा सकेंगी.