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Sharad Pawar on Gautam Adani: अडानी मुद्दे पर शरद पवार का रुख नरम, लेकिन विपक्षी एकता में फूट की खबरों को नकारा

Sharad Pawar on Gautam Adani: हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप के ऊपर लगाए गए आरोपों की जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी से कराए जाने की मांग से शरद पवार ने किनारा कर लिया है.

Sharad Pawar on Gautam Adani: हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप के ऊपर लगाए गए आरोपों की जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी से कराए जाने की मांग से शरद पवार ने किनारा कर लिया है.

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FE Hindi Desk
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Opposition unity gathers pace as Sharad Pawar meets Rahul Gandhi, Kharge

NCP chief Sharad Pawar

Sharad Pawar on Gautam Adani: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार (Sharad Pawar) ने अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है. हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप के ऊपर लगाए गए आरोपों की जांच ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (JPC) से कराए जाने की मांग से शरद पवार ने किनारा कर लिया है. एक दिन पहले उन्होंने इसको लेकर बयान जारी किया था और वह आज भी उसपर अड़े रहे. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमिटी JPC से ज्यादा उपयोगी होगी. इसके साथ उन्होंने विपक्षी पार्टियों के बीच उभरती दरार को भी नकार दिया और कहा कि जहां कई पार्टियां एक साथ होती हैं वहां कुछ मुद्दों पर मतभेद होते रहते हैं.

शरद पवार ने क्या कहा?

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि जब कई पार्टियां एक साथ आती हैं तो किसी मुद्दे पर मतभेद होना लाजिम है. यही चीज (विनायक दामोदर) सावरकर मुद्दे पर भी हुआ जब मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनके घर उनसे मिलने गया. उन्होंने विपक्षी एकता पर बोलते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि ऐसे दावे कौन करता है कि विपक्ष एकजूट नहीं है. मेरे विचार जो पहले थे वो अभी भी हैं. अडानी की तारीफ पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि मैंने अडानी की तारीफ नहीं की, बल्कि तथ्य बोला है. गौरतलब है कि पवार ने शुक्रवार को कहा कि उनको विश्वास है कि अडानी को 'अन-नोन एनिटीटीज' द्वारा टारगेट किया जा रहा है.

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अडानी पर शरद पवार का क्या है रुख?

गौतम अडानी मुद्दे पर शरद पवार का रुख अन्य विपक्षी पार्टियों की तुलना में काफी सॉफ्ट नजर आ रहा है. शनिवार को अडानी पर लगे 20000 करोड़ रुपये के वित्तीय हेराफेरी के सवाल पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और वह तबतक इसपर कुछ नहीं बोलेंगे जब वह सभी चीजों के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएं. जाहिर है राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस अडानी पर काफी हमलावर नजर आ रही है. हालिया बजट सेशन पूरी तरह से अडानी मुद्दे के ही भेंट चढ़ गया. राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया है उनकी संसद सदस्यता इसलिए गई है क्योंकि वह सरकार से लगातार अडानी मुद्दे पर सवाल कर रहे थे. एनसीपी करीब 1999 से महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी है.

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