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2 मई 2023 की इस तस्वीर में अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के साथ नजर आ रहे हैं. यह फोटो उस वक्त की है, जब शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का एलान कर दिया था. (File Photo)
Maharashtra Political Battle intensifies : महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में शुरू हुआ राजनीतिक घमासान लगातार तेज होता जा रहा है. पाार्टी के संस्थापक और मौजूदा अध्यक्ष शरद पवार ने बागियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, तो अजित पवार भी लगातार नई-नई चालें चल रहे हैं, जिसमें उनका साथ दे रहे हैं अपने राजनीतिक गुरु गच्चा देने वाले प्रफुल्ल पटेल. अजित पवार गुट की तरफ से की जा रही कार्रवाई से साफ है कि वो शरद पवार और उनके सहयोगियों को दरकिनार करके एनसीपी पर पूरी तरह से अपना कब्जा स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. कुल मिलाकर महाराष्ट्र का राजनीतिक ड्रामा वक्त के साथ-साथ और भी गहरा होता जा रहा है.
प्रफुल्ल पटेल को पार्टी से निकालने का शरद पवार का एलान
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपना साथ छोड़कर सत्ता का दामन थामने वाले भतीजे अजित पवार के दो साथियों - प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे को पार्टी से निकालने का एलान कर दिया है. प्रफुल्ल पटेल को कुछ ही दिन पहले खुद शरद पवार ने ही एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था, जबकि तटकरे एनसीपी के लोकसभा सांसद रहे हैं. पवार ने इन दोनों को पार्टी से निकालने का एलान करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘मैं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष पार्टी विरोधियों गतिविधियों की वजह से श्री सुनील तटकरे और श्री प्रफुल्ल पटेल को NCP सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश देता हूं.’’ उन्होंने अपने इस ट्वीट में प्रफुल्ल पटेल और तटकरे को टैग भी किया है.
I, as the National President, Nationalist Congress Party hereby order removal of the names of Shri Sunil Tatkare and Shri Praful Patel from the Register of Members of NCP Party for anti-party activities.@praful_patel@SunilTatkare
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) July 3, 2023
अजित पवार ने की जयंत पाटिल को अयोग्य ठहराने की सिफारिश
दूसरी तरफ अजित पवार गुट ने भी शरद पवार का साथ दे रहे लोगों पर कार्रवाई करने का दावा कर दिया है. प्रफुल्ल पटेल ने एलान किया कि उन्होंने कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए अजित पवार को NCP विधायक दल का नेता और सुनील तटकरे को NCP का महाराष्ट्र अध्यक्ष बना दिया है. इतना ही नहीं, अजित पवार ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र असेंबली के स्पीकर से अनुरोध किया है कि वरिष्ठ एनसीपी नेता जयंत पाटिल और जितेंद्र आव्हाड की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दें. जयंत पाटिल महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष हैं और शरद पवार ने अजित पवार की बगावत के बाद जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) को ही विधानसभा में विपक्ष का नेता और मुख्य सचेतक (Chief Whip) नियुक्त किया है. प्रफुल्ल पटेल ने यह भी कहा कि अनिल पाटिल महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के चीफ व्हिप यानी मुख्य सचेतक बने रहेंगे. हालांकि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर शरद पवार के अधिकार को चुनौती देने वाली ऐसी कार्रवाई करने के बावजूद अजित पवार ने यह भी कहा कि एनसीपी के अध्यक्ष तो शरद पवार ही हैं.
अजित पवार की बगावत को मेरा आशीर्वाद नहीं : शरद पवार
इस सियासी घमासान के बीच शरद पवार ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि अजित पवार की बगावत को उनका आशीर्वाद प्राप्त है. शरद पवार ने कहा कि उन्होंने कुछ नेताओं की हरकतों की परवाह किए बिना एनसीपी को मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं का भरोसा बढ़ाने के लिए पूरे राज्य का दौरा शुरू किया है. यह पूछे जाने पर कि रविवार को अजित पवार द्वारा किए गए विद्रोह को क्या उनका आशीर्वाद प्राप्त है, शरद पवार ने कहा, “यह कहना ओछी बात है. केवल तुच्छ और अल्पबुद्धि वाले ही ऐसा कह सकते हैं.” शरद पवार ने कहा, “मैं राज्य के दौरे पर निकला हूं और कार्यकर्ताओं को प्रेरित करूंगा. कुछ नेताओं ने जो किया है, उससे उन्हें निराश नहीं होना चाहिए.'’
बीजेपी ने अजित को सीएम बनाने का वादा किया है : चव्हाण
उधर, सोमवार शरद पवार से मिलने कराड पहुंचे कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि बीजेपी ने अजित पवार को मुख्यमंत्री पद देने का वादा किया है. उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने भी दावा किया है कि शिंदे बहुत जल्द मुख्यमंत्री की कुर्सी खो देंगे और राज्य में नया मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
अजित पवार ने रविवार को एनसीपी से बगावत करके महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. उनके साथ पार्टी के 8 विधायकों ने भी राज्य की एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार में मंत्री के तौर पर शपथ ली है, जिनमें सुनील तटकरे की बेटी अदिति तटकरे भी शामिल है. अजित पवार गुट एनसीपी के 53 में से 36 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है, लेकिन फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि उनके पास वाकई कितने विधायकों का समर्थन है