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Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र की शुरूआत सोमवार से, कलश स्थापना मुहूर्त, सामग्री, व्रत नियम, तिथि और महत्व

Shardiya Navratri 2025: इस नवरात्र में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुश्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होगी. हर दिन मां के एक स्वरूप की आराधना भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव लेकर आएंगे.

Shardiya Navratri 2025: इस नवरात्र में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुश्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होगी. हर दिन मां के एक स्वरूप की आराधना भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव लेकर आएंगे.

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FE Hindi Desk
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Shardiya navratri 2025

देशभर में भक्तिमय माहौल एक बार फिर गहराने जा रहा है. (Image: IE File)

देशभर में भक्तिमय माहौल एक बार फिर गहराने जा रहा है. गणेश उत्सव के समापन के बाद अब मां दुर्गा की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र शुरू होने जा रहा है. इस साल नवरात्र 22 सितंबर, सोमवार से आरंभ होंगे और खास बात यह है कि 9 साल बाद यह 10 दिन तक चलेंगे. 2016 के बाद पहली बार ऐसा दुर्लभ संयोग बना है जब पारंपरिक नौ दिनों की पूजा के साथ दशमी तिथि भी इसमें शामिल हो रही है. इस बार नवरात्र न केवल लंबे होंगे बल्कि विशेष भी, क्योंकि देवी माता इस बार हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जो ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

शारदीय नवरात्र की तिथियां

प्रतिपदा: 22 सितंबर (सोमवार) – कलश स्थापना

द्वितीया: 23 सितंबर

तृतीया: 24 सितंबर

चतुर्थी: 25 और 26 सितंबर (वृद्धि योग)

पंचमी: 27 सितंबर

षष्ठी: 28 सितंबर

सप्तमी: 29 सितंबर

अष्टमी: 30 सितंबर

नवमी: 1 अक्टूबर

दशमी: 2 अक्टूबर

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कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्र की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना से होगी. इस बार यह और भी खास होगा क्योंकि हस्त नक्षत्र, ब्रह्म योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है.

प्रातः मुहूर्त: 06:09 एएम से 07:40 एएम

वैकल्पिक मुहूर्त: 09:11 एएम से 10:43 एएम

अभिजीत मुहूर्त: 11:49 एएम से 12:38 पीएम

उत्सव के दौरान देवी के 9 रूपों की होगी पूजा

दस दिवसीय इस नवरात्र में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुश्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होगी. प्रत्येक दिन देवी के एक स्वरूप की आराधना, व्रत और अनुष्ठान भक्तों के लिए गहरा आध्यात्मिक अनुभव लेकर आएंगे.

नवरात्र व्रत के नियम

उपवास के दौरान फल, दूध, जूस और सात्विक भोजन का सेवन करें.

कुट्टू, राजगिरा, सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजन खाए जा सकते हैं.

मांसाहार, प्याज, लहसुन, शराब और नशीली वस्तुओं का परहेज करें.

काले कपड़े पहनने से बचें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें.

नवरात्र में बाल कटवाना या नाखून काटना अशुभ माना जाता है.

अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जिसमें छोटी कन्याओं में देवी स्वरूप की आराधना की जाती है.

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