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1 साल में 2.30 करोड़ इंश्योरेंस पॉलिसी हुईं सरेंडर, लोग क्यों बंद करवा रहे हैं अपना बीमा

देश में बीमा सेक्टर के लिए काम कर रही 24 में से 16 बीमा कंपनियों के सरेंडर पॉलिसीधारकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.

देश में बीमा सेक्टर के लिए काम कर रही 24 में से 16 बीमा कंपनियों के सरेंडर पॉलिसीधारकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.

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FE Hindi Desk
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1 साल में 2.30 करोड़ इंश्योरेंस पॉलिसी हुईं सरेंडर, लोग क्यों बंद करवा रहे हैं अपना बीमा

वित्त वर्ष 2021-22 में 2.30 करोड़ बीमा पॉलिसी मैच्योर होने से पहले ही बंद करा दी गईं.

देश के ज्यादातर बीमाधारक अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी मैच्योेर होने से पहले ही बंद करवा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 में तीन गुना यानी 2.30 करोड़ बीमा पॉलिसी मैच्योरिटी होने से पहले बंद का दी गईं. बीमा सेक्टर के लिए काम कर रही 24 में से 16 बीमा कंपनियों के सरेंडर पॉलिसीधारकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.

बीमा पॉलिसी सरेंडर के पीछे वजह 

कोरोना महामारी के आने और इसकी वजह से देश में लगे लॉकडाउन ने ज्यादातर लोगों को बेरोजगार कर दिया. जिस कारण बड़ी संख्या में लोग आर्थिक तंगी के शिकार हो गए और अभी भी उस तंगी से लोग उबर नहीं सके हैं. लिहाजा अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए बड़ी संख्या में लोग अपने जीवन बीमा पॉलिसी यानी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को मैच्योर होने से पहले ही बंद करवा दे रहे हैं.

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सरेंडर करने वालों की संख्या बढ़ी 

पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले वित्त वर्ष 2022 में विभिन्न बीमा कंपनियों के इंश्योरेंस पॉलिसी को तय समय से पहले बंद करने वालें पॉलिसीधारकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक देश में काम कर रही 24 बीमा कंपनियों में से 16 कंपनियों की सरेंडर बीमा पॉलिसियों की संख्या वित्त वर्ष 2020-21  के मुकाबले वित्त वर्ष 2021-22 में तीन गुना बढ़ी है. यानी पॉलिसीधारक बीमा कंपनियों के इंश्योरेंस पॉलिसी को निर्धारित समय से पहले बंद करवा रहे हैं. 69.78 लाख जीवन बीमा पॉलिसी वित्त वर्ष 2020-21 में सरेंडर हुई थी और वित्त वर्ष 2021-22 में 2.30 करोड़ बीमा पॉलिसी समय से पहले ही बंद करा दी गईं.

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इन 16 कंपनियों से आई रिपोर्ट 

बीमा कंपनियों की इंश्योरेंस पॉलिसी मैच्योर होने से पहले पॉलिसीधारक सरेंडर कर रहे हैं. जिसके चलते बीमा कंपनियों के सरेंडर पॉलिसीधारकों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. जिन कंपनियों की पॉलिसी बीमाधारक बीच में सरेंडर कर रहे हैं उनमें बीमा सेक्टर की दिग्गज कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, एचडीएफसी लाइफ और बजाज आलियांज, शामिल हैं. इन कंपनियों के आलावा इस सूची में आदित्य बिड़ला सनलाइफ, कोटक महिंद्रा, टाटा एआईए, एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस, केनरा-एचएसबीसी, श्रीराम लाइफ इंश्योरेंस, फ्यूचर जेनेराली इंडिया, एजेस फेडरल लाइफ इंश्योरेंस, एडलवाइस टोकियो लाइफ इंश्योरेंस, अवीवा जीवन बीमा और भारती एक्सा भी है.

वित्त वर्ष 2022 में LIC की 43,306 रुपये थी सरेंडर वैल्यू

जीवन बीमा पॉलिसियों की एवरेज सरेंडर वैल्यू वित्त वर्ष 2021-22 में 62,552 रुपये, वित्त वर्ष 2020-21 में एवरेज सरेंडर वैल्यू  1,67,427 रुपये रुपये थी. वित्त वर्ष 2021-22 में LIC की 2.12 करोड़ इंश्योरेंस पॉलिसी सरेंडर करा दी गईं हैं. जिनकी सरेंडर वैल्यू महज 43,306 रुपये रही. जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में सरेंडर वैल्यू 1,49,997 रुपये थी‍.

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क्या है सरेंडर वैल्यू

सरेंडर वैल्यू वह रकम है जो इंश्योरेंस पॉलिसी मैच्योर होने से पहले सरेंडर करने पर बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसीधारक को लौटाया जाता है. किसी भी प्री-मैच्योर बीमा का सरेंडर वैल्यू पॉलिसीधारक द्वारा खरीदे गए इंश्योरेंस पॉलिसी के जमा प्रीमियम का बहुत कम हिस्सा होता है.सरेंडर वैल्यू  को लेकर विभिन्न बीमा कंपनियों की नियम और शर्तें अलग-अलग हैं. इन नियमों के बारे में बीमाधारक को इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय ही जान लेना जरुरी होता है.

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