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Shivratri 2025 : कब मनाई जाएगी महा शिवरात्रि? पूजा की सही टाइमिंग, डेट समेत हर डिटेल

Maha Shivratri 2025: महा शिवरात्रि सर्दियों से वसंत और गर्मियों में परिवर्तन का प्रतीक है, जो जीवन के चक्र और प्राकृतिक बदलावों को दर्शाता है. यह पर्व आत्मिक शुद्धि और नवीनीकरण के लिए उपयुक्त माना जाता है.

Maha Shivratri 2025: महा शिवरात्रि सर्दियों से वसंत और गर्मियों में परिवर्तन का प्रतीक है, जो जीवन के चक्र और प्राकृतिक बदलावों को दर्शाता है. यह पर्व आत्मिक शुद्धि और नवीनीकरण के लिए उपयुक्त माना जाता है.

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Mithilesh Kumar
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Maha shivratri 2025 Date and time

महा शिवरात्रि का पर्व साल में एक बार मनाई जाती है, जो आमतौर पर फरवरी-मार्च के महीने में पड़ती है. इस बार कब मनाई जाएगी शिवरात्रि आइए जानते हैं. Photograph: (IE)

Maha Shivratri 2025 Date, Time and Puja Vidhi: महा शिवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो हर साल भगवान शिव की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है. यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की महिमा और उनकी शक्तियों का सम्मान करने के लिए समर्पित होता है..भगवान शिव हिंदू धर्म के त्रिमूर्ति के एक सदस्य हैं और उन्हें विनाशक (सभी बुराईयों का नाश करने वाले) और सृजनकर्ता (नई शुरुआत देने वाले) के रूप में पूजा जाता है. उनका यह रूप जीवन के चक्र को बनाए रखने और पुनः सृजन की प्रक्रिया का हिस्सा है. शिव का प्रभाव न केवल विनाश में बल्कि नवीनीकरण और जीवन के पुनरुद्धार में भी होता है.

महा शिवरात्रि का पर्व हिंदू धर्म के अनुयायी बड़े धूमधाम से मनाते हैं, खासकर भारत और नेपाल में इस दिन शिव मंदिरों पर भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. इस साल प्रयागराज में महाकुंभ लगा है. बताया जा रहा है कि महा शिवरात्रि के दिन त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्र हो रही है. प्रयागराज के महाकुंभ में यह दिन विशेष महत्व रखता है, और बहुत से लोग पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए पहुंचते हैं. महाकुंभ का यह त्योहार 13 जनवरी से शुरू हुआ था और महा शिवरात्रि के दिन इसके समापन के साथ एक और अध्याय खत्म होने की उम्मीद है.

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यह दिन भगवान शिव की पूजा का खास अवसर होता है, और यहां के लोग विशेष रूप से इस दिन उपवासी रहते हैं, मंदिरों में पूजा करते हैं, और शिव के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं. इस पर्व की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता इन देशों में बहुत अधिक है.

महा शिवरात्रि, जिसे "शिव की महान रात" भी कहा जाता है, भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक खास दिन है. मान्यता है कि इस रात भगवान शिव की शक्तियां सबसे अधिक उपलब्ध होती हैं. भगवान शिव का आशीर्वाद हासिल करने के लिए भक्त इस दिन उपवास रखते हैं, प्रार्थना करते हैं और ध्यान लगाते हैं. यह समय खुद को सुधारने और अपनी आत्मा को शुद्ध करने का होता है, ताकि वे भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकें.

महा शिवरात्रि के दिन और रात में उपवास रहकर, प्रार्थना और ध्यान करके, भक्त भगवान शिव की पूजा करते हैं और सत्य, ईमानदारी, दूसरों को नुकसान न पहुंचाना, दान, क्षमा जैसे गुणों पर विचार करते हैं. यह 

महा शिवरात्रि दक्षिण भारत में माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, जबकि उत्तर भारत में यह फाल्गुन महीने में मनाई जाती है. 

शिवरात्रि हमेशा एक ही दिन मनाई जाती है, चाहे कैलेंडर प्रणाली अलग हो. यह पर्व सर्दी से गर्मी की ओर जाने और पुनर्जन्म और नवीकरण के विचारों को प्रतीक रूप में दर्शाता है. महा शिवरात्रि आमतौर पर फरवरी या मार्च में मनाई जाती है. 

किस मनाई जाएगी शिवरात्रि

इस साल, महा शिवरात्रि बुधवार, 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी, जिसमें निशिता काल पूजा (मध्यरात्रि पूजा) 26 फरवरी को रात 12:09 बजे से 27 फरवरी को रात 12:59 बजे तक होगी.

पूजा के लिए किन चीजों की पड़ता है जरूरत

महा शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए शिवलिंग, पानी, गंगाजल, दूध, शहद, बेलपत्र, तिल, कर्पूर, चंदन की लकड़ी या पेस्ट, दीपक, अगरबत्ती, चुटकी भर चावल, फल और मिठाई जैसे सामग्रियों की जरुरत पड़ती है.

पूजा की विधि?

महाशिवरात्रि की पूजा विधि इस प्रकार है: 

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
  • पूजा का संकल्प लें.
  • शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं.
  • शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, चीनी, और गंगाजल चढ़ाएं.
  • शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, आक, चावल, और फूल चढ़ाएं.
  • दीपक और कपूर जलाएं.
  • शिव मंत्रों का जाप करें.
  • शिव-परिवार को फूलों की माला चढ़ाएं.
  • शिव जी को चंदन, मोली, पान, नारियल, सुपारी, अक्षत, पंचामृत, और बेर चढ़ाएं.
  • शिव की आरती उतारें.
  • शिव पुराण का पाठ करें.
  • महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें.
  • भगवान से प्रार्थना करें.

अगर आस-पास शिव मंदिर न हो, तो घर में मिट्टी से शिवलिंग बनाकर पूजा करें. शास्त्रों के मुताबिक, महाशिवरात्रि की पूजा निशील काल में करना अच्छा माना जाता है. 

Maha Shivratri Puja Samagri