/financial-express-hindi/media/post_banners/UvJBBLVJlPDYz0qjpOyR.jpg)
सीरम इंस्टीट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार की गई वैक्सीन का परीक्षण कर रही है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) जिस कोरोना वैक्सीन का परीक्षण कर रही है, उससे दुष्प्रभाव के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है. यह कंपनी भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार की गई वैक्सीन का परीक्षण कर रही है. कुछ दिनों पहले चेन्नई के एक वालंटियर ने दावा किया था कि इस वैक्सीन कोविशील्ड के परीक्षण के कारण उस पर बुरा प्रभाव पड़ा है. हालांकि कंपनी का दावा है कि शिकायत की जांच कर रही टीम ने शिकायत गलत पाया है.
Covishield safe & immunogenic. Incident with the Chennai volunteer no way induced by the vaccine. All regulatory & ethical processes & guidelines were followed. Principal Investigator,DSMB&Ethics Committee stated it was non-related issue to vaccine trial: Serum Institute of India pic.twitter.com/Ecrpg0mndm
— ANI (@ANI) December 1, 2020
आरोपों का वैक्सीन ट्रॉयल से संबंध नहीं
चेन्नई के एक वालंटियर द्वारा टीके को लेकर नकारात्मक दावा किए जाने के बाद मंगलवार को सीरम इंस्टीट्यूट ने बयान जारी कर कहा कि टीका पूरी तरह सुरक्षित है. कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि सभी नियामकीय और नैतिक प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है. शिकायत के बाद डीएसएमबी और एथिक्स कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि वालंटियर ने जो आरोप लगाए हैं, वे वैक्सीन ट्रॉयल से संबंधित नहीं हैं.
यह भी पढ़ें-वॉलंटियर ने लगाया गंभीर साइड इफेक्ट का आरोप; मांगा 5 करोड़ का हर्जाना
क्या हैं आरोप?
कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई देशों में वैक्सीन बनाने की कोशिश हो रही है. इसी प्रयास के तहत ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने एक वैक्सीन तैयार किया है. सीरम इंस्टीट्यूट इसका परीक्षण कर रही है. चेन्नई में परीक्षण के दौरान एक 40 वर्षीय शख्स ने शिकायत की कि वैक्सीन लगाने के 10 दिन के बाद उसे मस्तिष्क की परेशानी हो गई. उस शख्स ने जो शिकायत की है, उसके तहत व्यक्ति को याद रखने, नई चीजें सीखने, एक चीज पर ध्यान केन्द्रित करने या निर्णय लेने में परेशानी होती है. उसने इंस्टीट्यूट को कानूनी नोटिस भेजकर 5 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है.