/financial-express-hindi/media/post_banners/HaHj4KnjLaoF0rh3pVO3.jpg)
Image: ANI
/financial-express-hindi/media/post_attachments/JGChLuDThmk7Mg5F3Wnk.jpg)
साल के पहले सूर्यग्रहण का नजारा विभिन्न राज्यों व शहरों में साफ दिखाई दिया. इसके पीक पर होने के दौरान रिंग ऑफ फायर उत्तरी राजस्थान, हरियाणा के कुरुक्षेत्र, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में दिखाई दिया. वहीं दिल्ली, जयपुर, चंडीगढ़ आदि शहरों में रिंग ऑफ फायर आंशिक रूप से दिखा.भारतीय समयानुसार, सुबह 9.15 बजे से शुरू हुआ ग्रहण दोपहर 3.04 बजे तक जारी रहा. दोपहर लगभग 12:10 बजे यह अपने शीर्ष स्तर पर पहुंचा. कहा जा रहा है कि इस तरह का सूर्यग्रहण अब 1023 वर्ष बाद 3043 में लगेगा.
,
Delhi: #SolarEclipse2020 as seen in the cloudy skies of the national capital. pic.twitter.com/Y29PNlnpWW
— ANI (@ANI) June 21, 2020
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, नैनीताल से आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ आब्जर्वेशनल साइंसेज और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स इस सूर्य ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करने वाले हैं.
,
Uttarakhand: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Dehradun. pic.twitter.com/Zg0zOpwIou
— ANI (@ANI) June 21, 2020
क्या है वलयाकार सूर्यग्रहण
वलयाकार सूर्यग्रहण न तो आंशिक ग्रहण होता है और न ही पूर्ण. चंद्रमा की छाया सूर्य का 99 फीसदी भाग ढक लेती है, जिस कारण सूर्य के किनारे वाले हिस्सा प्रकाशित रहता है और बीच का हिस्सा पूरी तरह से चांद की छाया से ढक जाता है.
,
Punjab: #SolarEclipse2020 as seen in the skies of Amritsar today. pic.twitter.com/usRHFtjlgP
— ANI (@ANI) June 21, 2020
सूर्यग्रहण देखते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
- सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से न देखें, यह नुकसानदेह है.
- सूर्यग्रहण देखने के लिए सनग्लासेज, गॉगल्स, एक्सपोज्ड एक्सरे शीट या ग्लास पर लैंपब्लैक लगाकर इस्तेमाल न करें.
- पानी में सूर्य की छवि न देखें, इससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
- सूर्यग्रहण देखने के लिए केवल 13 या 14 नंबर वाले वेल्डर्स ग्लास का इस्तेमाल करें.
कब होता है सूर्य ग्रहण?
बता दें कि एक सूर्य ग्रहण तब होता है, जब सूरज, पृथ्वी और चांद एक साथ सीधी रेखा में आ जाते हैं. इसमें चांद, सूरज और पृथ्वी के मध्य में होता है. इससे पृथिवी को आने वाली सूरज की कुछ रोशनी में रुकावट होती है जिससे एक परछाई बन जाती है और आकाश थोड़ा काला हो जाता है.