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S&P ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में देश की रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-’ पर बनाए रखा है.भारतीय अर्थव्यवस्था में हाल की नरमी के बावजूद वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैण्डर्ड एण्ड पूअर्स (S&P) ने गुरुवार को जारी अपनी ताजा समीक्षा रिपोर्ट में देश की रेटिंग को स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी- ’ पर बनाए रखा है. एजेंसी ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था बुनियादी रूप से मजबूत वृद्धि की स्थिति में बनी हुई है और वृद्धि दर में अगले दो से तीन साल के दौरान दीर्घकाल के लिये सुधार आने की संभावना है. किसी भी देश की ‘बीबीबी’ रेटिंग उसकी वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की पर्याप्त क्षमता को दर्शाता है.
S&P ने एक बयान में कहा है कि हाल की तिमाहियों में भारत की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय गिरावट आने के बावजूद हमारा मानना है कि उसकी अवसंरचनात्मक वृद्धि का अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन जैसा था, वैसा बना हुआ है. इस लिहाज से वास्तविक जीडीपी वृद्धि में अगले दो से तीन साल के दौरान दीर्घकालिक रुझानों के साथ धीरे धीरे सुधार आने की संभावना है.
2020-21 में भारत की GDP 6% रहने का अनुमान लगाया
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि साल 2020- 21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर सुधरकर 6 फीसदी और उससे अगले साल में सात फीसदी और उसके बाद 7.4 फीसदी तक पहुंच जाएगी. एजेंसी ने कहा है कि उनका मानना है कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि में हाल में आई सुस्ती के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था उसकी समकक्ष दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले अधिक तेजी से आगे बढ़ेगी.
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भारत का राजकोषीय घाटा बढ़ा: S&P
S&P ने कहा है कि 2020 से 2024 की अवधि में समर्थन देने वाली मौद्रिक, वित्तीय और चक्रीय कारकों के चलते आर्थिक सुधार को समर्थन मिलेगा और इस दौरान वास्तविक जीडीपी वृद्धि औसतन 7.1 फीसदी के दायरे में रहेगी. एजेंसी ने हालांकि, इस बात का उल्लेख किया है कि भारत की राजकोषीय स्थिति अस्थिर लगती है. राजकोषीय घाटा बढ़ा है और सरकार का ऋण बोझ भी पहले से अधिक हुआ है.
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